मोरक्को में GenZ का गुस्सा भड़का..कहा- हॉस्पिटल नहीं और वर्ल्ड कप पर 10 अरब डॉलर फूंक रहे

उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को में स्वास्थ्य और शिक्षा सुधारों की मांग को लेकर भड़का GenZ आंदोलन हिंसक हो गया। राजधानी रबात में प्रदर्शनकारियों ने बैंक फूंक दी। कई दुकानों-गाड़ियों में तोड़फोड़ की। आगादिर शहर में पुलिस की गोली से 3 युवाओं की मौत हो गई। वहीं एक हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए। 354 लोग घायल हुए हैं, जिनमें अधिकतर सुरक्षाकर्मी हैं। मंत्रालय के मुताबिक लगभग 70% प्रदर्शनकारी नाबालिग थे। मोरक्को की सरकार 2030 फीफा वर्ल्ड कप और अफ्रीका कप ऑफ नेशंस के लिए 10 अरब डॉलर (करीब 8.8 लाख करोड़ रुपए) खर्च कर रही है। जबकि देश में सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की भारी कमी है। युवाओं के नेतृत्व वाले इस विरोध आंदोलन को GenZ 212 कहा जा रहा है। 212 मोरक्को के इंटरनेशनल टेलीफोन डायलिंग कोड है। विदेश से मोरक्को में किसी को कॉल करने पर नंबर के पहले +212 लगाते हैं।
नेपाल की तरह भी मोरक्को में भी विरोध प्रदर्शन करने वाले युवाओं का कोई लीडर नहीं है। लोग सोशल मीडिया के जरिए से रैली कर रहे हैं। मोरक्को में बेरोजगारी दर 12.8% है, जिसमें युवा बेरोज़गारी 35.8% और स्नातकों में 19% तक पहुंच गई है। मोरक्को में 1430 लोगों पर एक डॉक्टर है, जो दुनिया के औसत (590) से ढाई गुना कम है। आगादिर के हसन-2 हॉस्पिटल में 8 महिलाओं मौत हो गई। इसे ‘डेथ हॉस्पिटल’ कहा जा रहा है। यह आंदोलन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे टिकटॉक और डिस्कॉर्ड पर शुरू हुआ था। पिछले रविवार को प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के बाद इसे और समर्थन मिलने लगा। गिरफ्तार हुए लोगों में मोरक्को के स्टार गोलकीपर यासीन बौनू और प्रसिद्ध रैपर एल ग्रांडे टोटो भी शामिल हैं।
इसके बाद बुधवार को हिंसक प्रदर्शन तेज हो गए। राजधानी रबात, मुख्य वाणिज्यिक शहर कासाब्लांका और बंदरगाह शहर टैंजियर में भी विरोध प्रदर्शन हुए। स्थानीय मीडिया ने बताया कि पर्यटन केंद्र माराकेश में भी हिंसा हुई और प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन को आग लगा दी।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता रशीद अल खल्फी ने बताया कि अशांति के बाद पूरे मोरक्को में 409 लोगों को हिरासत में लिया गया। 260 से ज़्यादा पुलिस अधिकारी और 20 प्रदर्शनकारी घायल हुए, और 40 पुलिस वाहनों और 20 निजी कारों को आग लगा दी गई।