रायपुर : ग्राहक हित को लेकर कार्य करने वाली संस्था अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत द्वारा राष्ट्रव्यापी महासदस्यता अभियान 1 सितम्बर से प्रारम्भ किया गया है। इस महासदस्यता अभियान में ग्राहक पंचायत द्वारा ऑनलाइन डिजिटल माध्यम से सदस्यता की जा रही है। केन्दीय समिति के सदस्य रविकांत जायसवाल ने बताया कि यह संस्था शोषण मुक्त समाज रचना के उद्देश्य को लेकर कार्यरत है। समाज का एक प्रमुख घटक ग्राहक भी है। कहते है कि अर्थव्यस्था में ग्राहक राजा होता है जबकि वर्तमान में ग्राहक बुरी तरह से लूट व शोषण का शिकार है। इसका मुख्य कारण ग्राहकों में जानकारी का अभाव एवं उनका असंघटित होना है। ग्राहक पंचायत का उद्देश्य ही ग्राहकों को उनका अधिकार समझाना, आर्थिक लूट- खसोट के विरुद्ध संगठित ग्राहक शक्ति खड़ी करना है। संगठन ग्राहक जागरण व व्यवस्था सुधार के लिए कार्य करता है। “जागृत ग्राहक :जागृत भारत” इस संकल्प को लेकर ग्राहक पंचायत पूरे देश में कार्य कर रही है। अब छत्तीसगढ़ में भी इसका विस्तार होने जा रहा है।छत्तीसगढ़ में भी अब ग्राहकों की समस्याओं को संघटित रूप से शासन प्रशासन तक पहुचाने का कार्य यह संगठन करेगा।
हाल ही में रक्षाबंधन के पूर्व संगठन ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की थी कि मार्केट में बिक्री हो रही खुली मिठाई की ट्रे में मैनुफैक्चरिंग व एक्सपायरी दिनाँक को प्रदर्शित किया जाये। जिससे ग्राहकों को ताज़ी मिठाई मिलना सुनिश्चित हो सके। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण FSSAI के नियमानुसार ऐसा करना जरूरी भी है। इस नियम का पालन नही किया जा रहा है। इसी तरह रसोई गैस टँकी को तौलकर ग्राहक को देना हो व घर तक निःशुल्क पहुंचाना हो, पार्किंग में जीएसटी की आड़ में हो रही लूट हो, जैसे बहुत से ग्राहक हित के मुद्दे है जिन्हें संगठन उठाएगा। संगठन की प्रांतीय बैठक भी 13 सितंबर को बिलासपुर में रखी गयी है। जिसमें राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनकर जी सबनीश का मार्गदर्शन भी मिलने वाला है।
ग्राहक पंचायत के प्रांतीय प्रशिक्षण प्रमुख अमित वर्मा ने बताया कि आने वाले समय मे लगातार ग्राहकों के लिए जनजागरूकता कार्यक्रम व ग्राहकों की समस्या के निराकरण के लिए ग्राहक सहायता केंद्र भी खोलने की ग्राहक पंचायत की योजना है। इन सभी मुद्दों को लेकर आज प्रेस क्लब में कॉन्फ्रेंस रखी गयी है। इस कॉन्फ्रेंस में अमित वर्मा, अभिजीत पाण्डेय , आशीष अग्रवाल, देवदत्त साहू, ओमप्रकाश साहू, देवदत्त द्विवेदी आदि शामिल हुए।