अहमदाबाद: गुजरात (Gujarat) के भरूच (Bharuch) जिले के वागरा तालुका के कच्चीपुरा गांव के पास एक तालाब का दूषित पानी पीने से 25 ऊंटों की मौत (Camels Die) हो गई. ग्रामीणों ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना रविवार को हुई. दरअसल क्षेत्र के माध्यम से कच्चे तेल को ले जाने वाली एक पाइपलाइन में रिसाव हो गया था. जिसके कारण तालाब दुषित हो गया है. इसके बाद तालाब का दूषित पानी ऊंटों ने पी लिया.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कच्चीपुरा के ग्रामीण, जिनकी आबादी 250 है और यहां लगभग 60 घर हैं, पशुपालकों के मालधारी समुदाय के हैं. ऊंट उनके जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. ऊंटों ने उनकी आजीविका चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. गांव पीने के पानी के संकट से जूझ रहा है. 67 वर्षीय निवासी रहमानभाई जट्ट, जिनका परिवार 1916 से ऊंटों सहित पशुपालन में शामिल है उन्होंने कहा कि ‘हमें कुछ निजी आपूर्तिकर्ताओं से पानी के टैंकर मिल रहे थे, लेकिन यह पिछले दो महीनों से बंद है.’
गांव में 30 ऊंटों का नुकसान
उन्होंने आगे बताया कि ‘चिलचिलाती गर्मी से राहत देने के लिए, रविवार को ग्रामीणों ने ऊंटों को 5 किमी दूर चंचवेल झील में ले जाने का प्रयास किया. हालांकि दुखद घटना तब हुई जब ऊंट रास्ते में एक जल निकाय तक पहुंचने पर मरना शुरू कर दिए. जिससे गांव वाले सदमें में आ गए.’ जट्ट के मुताबिक गांव में 30 ऊंटों का नुकसान हुआ है, जिनमें से 25 के शव बरामद किए गए हैं. शेष ऊंटों का इलाज और बरामदगी के प्रयास जारी हैं.
एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता मुसाभाई अली ने पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सरकार से ग्रामीणों की बार-बार की गई अपीलों पर प्रकाश डाला जिस पर ध्यान नहीं दिया गया था. अधिकारियों ने पानी के दूषित होने के सटीक कारण का पता लगाने और जिम्मेदार पक्षों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक जांच शुरू कर दी है. गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक सतर्कता टीम सोमवार को जांच करने के लिए घटनास्थल पर पहुंची.
भरूच में प्रदूषण निगरानी के क्षेत्रीय अधिकारी मार्गी पटेल ने कहा कि प्रदूषण के संभावित स्रोत के रूप में आसपास के किसी भी रासायनिक उद्योग की पहचान नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा ‘जबकि ओएनजीसी का एक कुआं आसपास के क्षेत्र में मौजूद है, लेकिन रिसाव की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. उस क्षेत्र से सैंपल एकत्र किए गए हैं जहां ऊंटों के शव पाए गए थे. पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट के बाद जांच स्थिति कुछ साफ हो पाएगी.’ भरूच में एक सरकारी पशु चिकित्सक डॉ. हर्ष गोस्वामी ने 25 ऊंटों की मौत की पुष्टि की, हालांकि उनकी मौत का सही कारण अनिश्चित है. उन्होंने कहा कि जांच जारी है और आगे के अपडेट का इंतजार है.