IIT दिल्ली ने 12 साल बाद बदला सिलेबस, BTech में अनिवार्य होगी AI की पढ़ाई

आईआईटी दिल्ली ने छात्रों पर बोझ कम करने और इंडस्ट्री की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए 12 साल बाद अपने सिलेबस में आमूलचूल बदलाव किया है यह जानकारी संस्थान के निदेशक रंगन बनर्जी ने दी है. बनर्जी ने मंगलवार को पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि पिछली बार सिलेबस साल 2013 में बदला गया था. उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री की मांगें तेजी से बदल रही हैं. एआई एक नया उभार है और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है आईआईटी दिल्ली के निदेशक ने बताया कि सिलेबस में सुधार की कवायद साल 2022 में शुरू हुई थी. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने हितधारकों से व्यापक प्रतिक्रिया ली है. हम अपने पूर्व छात्रों, विद्यार्थियों से बात कर रहे हैं. हमारे संकाय उद्योग और समाज से जुड़े हुए हैं. हमने पाठ्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए अधिक रोमांचक बनाने के वास्ते लचीलापन लाने का प्रयास किया है. बनर्जी ने कहा कि छात्रों पर बोझ की चिंता निश्चित तौर पर एक अहम फैक्टर था. जिसने हमारे सिलेबस में सुधार का मार्गदर्शन किया. उन्होंने बताया कि हमने प्रति सेमेस्टर कोर क्रेडिट की संख्या सीमित कर दी है और विशेष रूप से पहले दो सेमेस्टर में जब प्रथम वर्ष के छात्र शामिल होंगे, तो उन पर अपेक्षाकृत कम बोझ होगा. हमने यह भी देखने की कोशिश की है कि पहले वर्ष में कक्षाओं का आकार छोटा हो. उन्होंने कहा कि पहले दो सेमेस्टर के लिए कक्षा का आकार अब 300 के बजाय 150 होगा, ताकि अधिक व्यक्तिगत ध्यान सुनिश्चित किया जा सके.
बनर्जी ने कहा कि हमने करके सीखने पर भी ध्यान केंद्रित किया है. इसलिए तनाव को कम करने के लिए यह हमारे दिमाग में रहा है, लेकिन हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे पाठ्यक्रम में कठोरता और विकल्प के तत्व हों तथा फिर बोझ को कम करने की कोशिश करें. सिलेबस में किए गए महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक प्रोग्रामिंग शिक्षा में है, जिसमें प्रोग्रामिंग पर प्रारंभिक पाठ्यक्रम में एआई-आधारित कोड जनरेटर को एकीकृत किया गया है. सभी बीटेक संकाय के छात्रों को भविष्य के लिए एआई का जिम्मेदारी से और नैतिक रूप से उपयोग करने के तरीके पर अनिवार्य प्रशिक्षण से गुजरना होगा. बीटेक डिग्री के अतिरिक्त एक ऑनर्स प्रोग्राम शुरू किया गया है. इसके अतिरिक्त, कोई स्नातक छात्र अब अपने तीसरे वर्ष के अंत में आईआईटी दिल्ली में किसी भी उपलब्ध एमटेक कार्यक्रम में एमटेक डिग्री के लिए आवेदन कर सकता है. इससे छात्र पांच साल में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों डिग्री प्राप्त कर सकेगा.
पंद्रह सदस्यीय पाठ्यक्रम सुधार समिति ने आठ संस्थानों – स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय; हार्वे मड कॉलेज, कैलिफोर्निया; रोज-हुलमैन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंडियाना; इसके अलावा आईआईटी बंबई, गांधीनगर और हैदराबाद में पढ़ाए जा रहे सिलेबस का गहन अध्ययन किया.