प्रदीप मिश्रा की कथा में टिकट लेने का मामला गर्माया, मां कामाख्या सेवा समिति ने दी सफाई

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पंडित प्रदीप मिश्रा एक बार फिर भिलाई में 25 अप्रैल से 1 मई तक शिव महापुराण की कथा करने आ रहे हैं। इससे पहले उन्होंने जनवरी 2022 में भिलाई में अपनी पहली कथा की थी। इस कथा का आयोजन भिलाई की मां कामाख्या सेवा समिति ने किया था। समिति ने आयोजन के दौरान लोगों से पैसे लेकर उनके बैठने की व्यवस्था दी थी। यह मुद्दा एक बार फिर सामने आया है। जिसमें मां कामाख्या सेवा समिति ने अपनी सफाई दी है।

प्रदीप मिश्रा 25 अप्रैल को भिलाई में अपनी कथा करने दोबारा आ रहे हैं। इस कथा का आयोजन भाजपा नेता और पार्षद विनोद सिंह करा रहे हैं। इसमें उनसे पूछा गया था पिछली बार की तरह इस बार भी तो भक्तों से कथा सुनने के लिए पैसा नहीं लिया जाएगा। उस आयोजन की पूरी व्यवस्था मां कामाख्या सेवा समिति और बजरंग दल के नेता रतन यादव की थी।

इसके बाद भी लोगों से पास के अतरिक्त 2 से 4 हजार रुपए लेकर बैठने की व्यवस्था दी गई थी। जब ये बात पंडित प्रदीप मिश्रा को पता चली तो उन्होंने व्यासपीठ से सभी भक्तों से माफी मांगी और कहा था यदि किसी भी भक्त से कथा में बैठने के नाम पर पैसा लिया जाएगा तो वो कथा नहीं करेंगे। इस बात को लेकर मां कामाख्या समिति के सचिव टुमन वर्मा और रतन यादव ने अपना पक्ष रखा है।

टुमन वर्मा का कहना है कि इतने बड़े आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए उन्होंने बजरंग दल के नेता रतन यावद से मदद मांगी थी। इसके बाद वो बड़ी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे और वहां की व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली थी। कथा के दौरान बैठने की व्यवस्था के नाम पर जो लोगों से टिकट के पैसे लिए गए थे वो निर्णय समिति का था। इससे रतन यादव या उनके कार्यकर्ताओं का कोई लेना देना या सहमति नहीं थी। टुमन वर्मा का कहना है कि लोगों से रुपए टिकट नहीं बल्कि सहयोग राशि के रूप में लिए गए थे।

इस बार के आयोजन में नहीं होगी पास या टिकट की व्यवस्था
अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा सिहोर 25 अप्रैल से लेकर 1 मई तक भिलाई में शिव महापुराण की कथा करेंगे। इसके लिए पंडित मिश्रा ने अपनी सहमति दे दी है। भिलाई में आयोजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। आयोजनकर्ता विनोद सिंह का कहना है कि उनके आयोजन में किसी तरह के पास की व्यवस्था नहीं होगी। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भक्तों को बैठने की व्यवस्था दी जाएगी। भक्तों से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। समिति की तरफ से भक्तों के लिए अन्य जो भी व्यवस्थाएं होंगी वह भी निशुल्क होंगी।