भारत का औद्योगिक उत्पादन सितम्बर में 4 प्रतिशत बढ़ा, विनिर्माण क्षेत्र ने संभाली रफ्तार
भारत का औद्योगिक उत्पादन इस साल सितंबर में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 4 प्रतिशत बढ़ा है. इस बढ़ोतरी के पीछे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का मजबूत प्रदर्शन अहम वजह रहा. यह जानकारी सांख्यिकी मंत्रालय ने मंगलवार को जारी की. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) आधारित वृद्धि दर अगस्त में भी 4 प्रतिशत थी. इससे पहले जुलाई में यह 3.5 प्रतिशत और जून में 1.5 प्रतिशत रही थी. यानी बीते तीन महीनों में औद्योगिक गतिविधियों में लगातार सुधार दर्ज हुआ है.
सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रही, जो अगस्त के 3.8 प्रतिशत से बेहतर है. मैन्युफैक्चरिंग को भारतीय अर्थव्यवस्था का इंजन कहा जाता है क्योंकि यह देशभर के यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग कॉलेज से निकलने वाले युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार देता है. इस सेक्टर के 23 में से 13 इंडस्ट्री ग्रुप ने सितंबर में सकारात्मक वृद्धि दिखाई. इनमें सबसे ज्यादा योगदान देने वाले सेक्टर रहे — बेसिक मेटल्स (12.3%), इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट (28.7%) और मोटर व्हीकल्स, ट्रेलर्स और सेमी-ट्रेलर्स (14.6%).
सितंबर में कैपिटल गुड्स उत्पादन 4.7 प्रतिशत बढ़ा है. इस श्रेणी में वे मशीनें शामिल हैं जो फैक्ट्रियों में उत्पादन के लिए उपयोग की जाती हैं. यह संकेत देता है कि निवेश गतिविधियों में तेजी आ रही है और इसका सीधा असर रोजगार और आय पर पड़ेगा. वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे रेफ्रिजरेटर, एसी और टीवी के उत्पादन में 10.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इससे साफ है कि त्योहारी सीजन से पहले बाजार में मांग मजबूत बनी हुई है और उपभोक्ता खर्च बढ़ा है.
इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में 3.1 प्रतिशत रही. हालांकि, माइनिंग सेक्टर कमजोर रहा और इस दौरान उसमें -0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
