इसरो ने अपने PSLV-C60 SpaDeX मिशन को लॉन्च कर दिया है। इसरो इस मिशन को लॉन्च करने के लिए दो उपग्रहों का इस्तेमाल कर रहा है। इनका नाम चेजर और टारगेट है। इनका वजन 220 किलो होगा। SpaDeX का मतलब है, स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट। इस मिशन में पीएसएलवी-सी 60 से छोड़े जाने वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान की डॉकिंग की जाएगी। डॉकिंग का मतलब होता है स्पेस में दो अंतरिक्ष यानों या सैटेलाइट को जोड़ना और अनडॉकिंग का मतलब है अंतरिक्ष में रहते हुए इन दोनों को अलग करना।
इसरो ने अपना स्पैडेक्स मिशन लॉन्च कर दिया है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी60 रॉकेट लॉन्च किया गया। मिशन सफल रहा तो रूस, अमेरिका व चीन के बाद भारत, दुनिया का चौथा ऐसा देश होगा जिसके पास स्पेस में डॉकिंग की टेक्नोलॉजी होगी। बीतते साल के साथ शानदार… pic.twitter.com/agCQ937rdn
— Pooja sharma (@Poojasharma_DB) December 30, 2024
इसरो अपने मिशन से ऐसा करने की तकनीक का प्रदर्शन करेगा। इस मिशन को लॉन्च करने के बाद इन्हें डॉकिंग के जरिए जोड़ने और अनडॉकिंग की प्रॉसेस से अलग-अलग करने का प्रयोग किया जाएगा। इस मिशन का लक्ष्य है कि चेजर अपने टार्गेट का पीछा करे। ये प्रक्रिया भविष्य के बड़े लक्ष्यों को हासिल करने में अहम साबित हो सकती है। भारत 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना चाहता है और आज का मिशन इसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ प्रौद्योगिकी की तब जरूरत होती है, जब साझा मिशन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए कई रॉकेट प्रक्षेपित करने की जरूरत होती है। इसरो के मुताबिक, स्पाडेक्स मिशन के तहत दो छोटे अंतरिक्ष यान (प्रत्येक का वजन लगभग 220 किग्रा) पीएसएलवी-सी60 द्वारा स्वतंत्र रूप से और एक साथ, 55 डिग्री झुकाव पर 470 किमी वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित किये जाएंगे, जिसका स्थानीय समय चक्र लगभग 66 दिन का होगा।