चीन में जिनपिंग से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर, कहा- रिश्ते सुधर रहे…

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस मुलाकात पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री भारत की विदेश नीति को बर्बाद कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इससे जुड़ा एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा- मुझे लगता है कि चीनी विदेश मंत्री आएंगे और मोदी को चीन-भारत संबंधों में हालिया घटनाक्रमों से अवगत कराएंगे। विदेश मंत्री अब भारत की विदेश नीति को बर्बाद करने के मकसद से एक पूरी तरह से सर्कस चला रहे हैं। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जिनपिंग से मुलाकात की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा- बीजिंग में SCO के विदेश मंत्रियों के साथ मैंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। उन्हें भारत-चीन के बीच रिश्तों में हुई प्रगति के बारे में बताया।

जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे हैं। इससे पहले जयशंकर ने विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। इस बैठक में उन्होंने दोनों देशों के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध बनाने की जरूरत पर जोर दिया। जयशंकर ने कहा कि सीमा से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, लोगों के बीच संपर्क को सामान्य बनाना चाहिए और व्यापार में आ रही रुकावटों को हटाने पर काम करना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि आपसी सम्मान और समझदारी के आधार पर भारत-चीन संबंध सकारात्मक दिशा में बढ़ सकते हैं।

बीजिंग में हुई बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से व्यापार और पर्यटन को लेकर भी अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने चीन द्वारा लगाए गए एक्सपोर्ट कंट्रोल और व्यापारिक प्रतिबंधों को लेकर चिंता जताई। जयशंकर ने साफ कहा कि चीन को ऐसे कदमों से बचना चाहिए जो भारत के उत्पादन क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर) को नुकसान पहुँचा सकते हैंइसके साथ ही उन्होंने भारत और चीन के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर जोर दियाउन्होंने यात्रा को आसान बनाने, सीधी उड़ानों (डायरेक्ट फ्लाइट्स) को फिर से शुरू करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। उनका मानना है कि इससे दोनों देशों के बीच आपसी समझ और भरोसा बढ़ेगा।

SCO बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर भारत का स्पष्ट रुख दोहराया। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की स्थापना का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ से मुकाबला करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी सदस्य देशों को ‘जीरो टॉलरेंस’ (कतई बर्दाश्त न करने) की नीति पर मजबूती से टिके रहना चाहिए।

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