मध्यप्रदेश : उज्जैन में शादी का अनोखा कार्ड… डमरू पर कराया प्रिंट, साथ में भेजा भस्म-त्रिशूल और रुद्राक्ष

मध्यप्रदेश धार्मिक नगरी उज्जैन में गोयल परिवार के द्वारा बनाई गई अनोखी शादी पत्रिका सुर्खियों मे बनी हुई है. यह शादी की पत्रिका इसीलिए अनोखी है क्योंकि शादी की पत्रिका में निमंत्रण को डमरू पर लिखवाया गया है. साथ ही इस पत्रिका को प्राप्त करने वाले लोगों के लिए बाबा महाकाल के आशीर्वाद के रूप में उन्हें भस्म आरती की भस्म, त्रिशूल, डमरू भी दिया गया है. मामले में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के गोयल परिवार ने भगवान महाकाल को समर्पित एक अनोखा कार्ड तैयार किया है. कार्ड में महाकाल मंदिर की भस्म, त्रिशूल, रुद्राक्ष और डमरू पर निमंत्रण प्रिंट करवाया है. इस कार्ड को परिवार के 10 सदस्यों ने मिलकर लगभग एक माह में तैयार किया. खास बात यह है कि कार्ड पर मालवा की लोक परंपरा मांडना भी उकेरा गया है, जिसमें सबसे अधिक मेहनत लगी यह शादी कार्ड आजाद नगर में रहने वाले समाजसेवी सचिन गोयल के बेटे पार्थ की है जिनका विवाह भोपाल निवासी कोमल के साथ आने वाली 27 नवंबर 2025 गुरुवार को संपन्न होगा.

प्रत्येक कार्ड की कीमत करीब 250 रुपए है. यह कार्ड भगवान महाकाल को समर्पित है. इसमें भस्म, रुद्राक्ष, डमरू और त्रिशूल जैसे प्रतीक शामिल हैं. कार्ड को दूल्हे के माता-पिता, दो बहनों, मामा-मामी और सेवाधाम आश्रम के दिव्यांग बच्चों ने मिलकर तैयार किया है. एक माह में कुल 400 निमंत्रण कार्ड बनाए गए हैं. जिन पर लगभग एक लाख रुपए खर्च हुए हैं. सचिन गोयल ने बताया कि बेटे की शादी का निमंत्रण कुछ अलग हो ऐसा काफी समय से सोच रहा था. शादी के पत्रिका में उज्जैन तो ठीक दूर प्रदेशों में रहने वाले रिश्तेदारों तक बाबा महाकाल की भस्म इस विवाह निमंत्रण के साथ पहुंचे इसीलिए पिछले दो महीने से मैं तैयारी करने में जुटा हुआ था. बाबा महाकाल को चढ़ाए जाने वाली भस्म अति दुर्लभ होती है यही कारण है कि बड़ी कठिनाई के साथ इसे एकत्रित किया और इस पवित्र भस्म को विशेष रूप से पैक करवाया और प्रत्येक निमंत्रण कार्ड में पैक करवा दिया, ताकि कोई भी व्यक्ति इसे कभी नहीं फेंके.

उज्जैन शहर में शिव और शक्ति दोनों विराजमान हैं. शिव महाकाल के स्वरूप में और शक्ति माता हरसिद्धि के रूप में हैं. इसी कारण शादी की पत्रिका में शक्ति का प्रतीक त्रिशूल और भगवान महाकाल का प्रिय डमरू शामिल किया गया है. दूल्हे के पिता सचिन गोयल ने बताया कि कार्ड में उपयोग किए गए डमरू और त्रिशूल को मेरठ से मंगवाया गया, जबकि अन्य सामग्री उज्जैन और इंदौर से लाई गई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *