मराठा आरक्षण आंदोलन- जरांगे ने भूख हड़ताल खत्म की, सरकार ने 8 में से 6 मांगे मानीं
महाराष्ट्र सरकार ने बीते कल मंगलवार को मनोज जरांगे की 8 में से 6 मांगें स्वीकार कर ली हैं। मंत्रिमंडल उपसमिति के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल सहित कई नेताओं ने पाटिल से मुलाकात कर मांगें माने जाने की जानकारी दी। फैसले की घोषणा के बाद जरांगे ने 5 दिन से चल रहा आंदोलन और भूख हड़ताल खत्म करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “हम जीत गए हैं। सरकार ने हमारी मांगें मान ली हैं।” यह भी कहा कि अगर सरकार आरक्षण की मांगों पर जीआर (आदेश) जारी कर देती है तो वह आज रात 9 बजे तक मुंबई छोड़ देंगे। मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने दोपहर में समिति के अन्य सदस्यों शिवेंद्रसिंह भोसले, उदय सामंत, माणिकराव कोकाटे के साथ आजाद मैदान में जरांगे से मुलाकात की और समिति द्वारा तैयार किए गए मसौदे पर उनके साथ चर्चा की। पाटिल ने बताया कि अब तक विरोध प्रदर्शनों के दौरान मरने वालों के परिजनों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के हिसाब से एक हफ्ते के अंदर मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाएगी।
समिति ने जरांगे को बताया कि अब तक (मृतक प्रदर्शनकारियों के परिजनों को) 15 करोड़ रुपए की सहायता दी जा चुकी है और बाकी राशि एक हफ्ते के भीतर दे दी जाएगी। जरांगे के वकील ने मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच से बुधवार दोपहर 11 बजे तक का वक्त मांगा। कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन जारी है। लॉ एंड ऑर्डर नहीं बिगड़ेगा, इसकी जवाबदारी लेते हैं। इसके बाद अदालत ने जरांगे की मांग स्वीकार की और मामले की सुनवाई बुधवार दोपहर तक स्थगित कर दी। बीते कल मंगलवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस (ACJ) श्री चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने दो बार सुनवाई की। बेंच ने जरांगे और उनके समर्थकों को मंगलवार दोपहर 3 बजे तक आजाद मैदान खाली करने के आदेश दिए थे। इसके बाद भारी संख्या में पुलिसबल मैदान पहुंचने लगा था। दोपहर 3 बजे के बाद मामले में दूसरी बार सुनवाई हुई।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जरांगे को अनशन स्थल आजाद मैदान पर 3 सितंबर की सुबह तक रुकने की अनुमति दे दी। इससे पहले अदालत ने मंगलवार दोपहर 3 बजे तक मैदान खाली करने को कहा था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि प्रशासन ने उसके आदेशों को लागू क्यों नहीं किया। जबरन मैदान खाली कराने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए। अगर बुधवार तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वह कड़ा आदेश जारी करेगी और किसी भी हद तक जाएगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मुंबई के आजाद मैदान में आमरण अनशन जारी रखने पर मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने जरांगे और सभी प्रदर्शनकारियों को आज दोपहर 3 बजे से पहले आजाद मैदान खाली करने का आदेश दिया था। एक्टिंग चीफ जस्टिस (ACJ) श्री चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने कहा, ‘अगर 3 बजे तक आजाद मैदान खाली नहीं हुआ को प्रदर्शनकारियों पर कठोर जुर्माना, अदालत की अवमानना की कार्यवाही और अन्य कार्रवाई की जाएगी।’ ACJ ने कहा- ‘आप किसी हाईकोर्ट के जस्टिस को पैदल चलकर अदालत पहुंचने पर सिर्फ इसलिए मजबूर नहीं कर सकते क्योंकि आपके प्रदर्शनकारी सड़क पर नाच रहे थे। हम राज्य सरकार से भी जानना चाहते हैं कि वह क्या कर रही थी?’
