समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों के लिए काल बनेंगे MH-60R हेलीकॉप्टर, नौसेना के बेडे में हुए शामिल

भारतीय नौसेना को जल्द ही बड़ी ताकत मिलने वाली हैनौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी बहुत जल्द MH-60 रोमियो मल्टीरोल हेलीकॉप्टरों के दूसरे स्क्वॉड्रन INAS 335 ‘ऑस्प्रे’ को औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल करेंगे। ये हेलीकॉप्टर दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजने, समुद्री निगरानी, राहत-बचाव और लड़ाकू अभियानों में इस्तेमाल किए जाते हैं। भारतीय नौसेना ने ऐसे कुल 24 MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टर अमेरिका से खरीदने का ऑर्डर दिया है।इन आधुनिक हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से नौसेना की समुद्री सुरक्षा और निगरानी क्षमता और मजबूत होगी। खास तौर पर हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की ताकत बढ़ेगी और किसी भी खतरे से निपटने में नौसेना को बड़ी मदद मिलेगी। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा, “एमएच-60आर समुद्री क्षेत्र की जागरूकता बढ़ाएगा और पनडुब्बी रोधी युद्ध, समुद्री हमले और खोज एवं बचाव अभियानों में तुरंत प्रतिक्रिया देने को सक्षम बनाएगा। आज 335 स्क्वाड्रन को औपचारिक रूप से कमीशन किया जा रहा है, वहीं एमएच-60आर हेलीकॉप्टर ऑपरेशन सिंदूर, ट्रॉपेक्स 2025 और हाल ही में संपन्न हुए त्रि-सेवा अभ्यास सहित कई अभियानों में अपनी क्षमता साबित कर चुका है। यह गर्व की बात है कि इस प्लेटफॉर्म पर कई महत्वपूर्ण उपकरण, सॉफ्टवेयर-परिभाषित रेडियो और डेटा लिंक से लेकर वेब चार्ज जैसे हथियार और निकट भविष्य में मिसाइलें, पूरी तरह से भारत में निर्मित हैं। भारतीय नौसेना ने इन प्लेटफार्मों को बनाए रखने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण प्रणालियों और रखरखाव क्षमता को भी स्वदेशी रूप से विकसित किया है।”

इसके साथ ही भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। इसलिए, प्लेटफॉर्म के प्रदर्शन से संबंधित कोई भी परिचालन विवरण अभी उपलब्ध नहीं है। इतना कहना ही काफी है कि MH-60R हमारी इकाइयों में तैनात थे और उन्होंने अपना काम बखूबी किया।” वहीं, भारतीय नौसेना द्वारा आज 24 MH-60R को शामिल करने पर कहा, “हम 2047 तक नौसेना में आत्मनिर्भरता के अपने लक्ष्य को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं।

एमएच 60 आर हेलीकॉप्टर्स एक मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर हैनौसैन्य तौर पर इसे सबसे आधुनिक हेलीकॉप्टर्स में शुमार किया जाता हैसमुद्री सीमा की निगरानी करने, मेरीटाइम गतिविधियों पर नजर रखने और पानी के भीतर के खतरों से निपटने में यह हेलीकॉप्टर बेहद अहम हैनौसेना आईएनएस विक्रांत पर इस हेलीकॉप्टर की सफलतापूर्वक लैंडिग करा चुकी हैइसकी मदद से भारत की हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थिति मजबूत हुई हैभारत ने साल 2020 में अमेरिका से लगभग 15,000 करोड़ रुपए में 24 एमएच-60आर हेलीकॉप्टर खरीदने का समझौता किया था

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