‘हमारे सभी मिलिट्री बेस एक्टिव और जरूरत पड़ने पर हर मिशन के लिए तैयार’, PAK को लेकर तीनों सेनाओं का ऐलान

इंडियन आर्मी के तीनों सेना प्रमुख ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत पाकिस्तान के बीच बनी मौजूदा स्थिति पर जानकारी देने के लिए प्रेस ब्रीफिंग कर रहे हैं प्रेस ब्रीफिंग में एयर मार्शल एके भारती ने कहा, “हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ है, इसलिए हमने पहले आतंकवादियों के ठिकानों पर ही हमला किया था. लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवादियों का साथ देना उचित समझा. इसलिए पाकिस्तान ने इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना ली इसलिए उनको जवाब देना जरूरी था.” उन्होंने आगे कहा कि हमने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की. भारत के डिफेंस सिस्टम को भेदना नामुमकिन है. पाकिस्तान के द्वारा दागी गईं चीनी मिसाइलें भी फेल हुईं.प्रेस ब्रीफिंग के वक्त लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “हमें एयर डिफेंस की कार्रवाई को एक कॉन्टेक्स में समझने की जरूरत है. पहलगाम तक पाप का घड़ा भर चुका था. हमने पूरी तैयारी पहले ही कर ली थी और कार्रवाई की गई.” लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि पाकिस्तान के ड्रोन और हथियारों की गई कोशिशें नाकाम हुईं और जो बचे ड्रोन थे, उन्हें मार गिराया गया. मैं BSF की भी सराहना करना चाहता हूं. पहरा देने वाले जवान हमारे इस अभियान में शामिल हुए और बहादुरी के साथ हमारा साथ दिया. इसके कारण पाकिस्तान की नापाक हरकतों का विनाश किया गया. जब हौसलों बुलंद हों, तो मंजिलें भी कदम चूमती हैं.

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा, “हवाई क्षेत्र सहित सतत निगरानी को स्थिर करने के लिए समुद्री बल का उपयोग किया गया. नौसेना एक साथ हवा, सतह और उप-सतह खतरों का पता लगाने में सक्षम थी. समुद्री बल सतत निगरानी सुनिश्चित करने में सक्षम था. कई सेंसर और इनपुट का प्रभावी ढंग से उपयोग करके हम निरंतर निगरानी बनाए रख रहे हैं. यही कारण है कि हम इन खतरों को बेअसर करने में सक्षम थे. हमने अधिकतम रडार का उपयोग किया और सभी उड़ने वाली वस्तुओं को देखा, चाहे वह ड्रोन हो, लड़ाकू जेट हो.”

उन्होंने आगे कहा कि ये सभी एक जटिल स्तरित रक्षा तंत्र की छत्रछाया में संचालित किए जाते हैं. कोई भी हवाई लक्ष्य जो इस बुलबुले में घुसने का प्रयास करता है, उसका पता लगाया जाता है और वाणिज्यिक, तटस्थ और खतरे वाली वस्तुओं के बीच अंतर करने के लिए उसकी पहचान की जाती है.

 

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