मेकाहारा अस्पताल में पत्रकार से बदसलूकी, बाउंसरों ने की धक्का-मुक्की, मचा बवाल

रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेकाहारा में रविवार की रात पत्रकार के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया. जहां अस्पताल में तैनात निजी बाउंसरों ने पत्रकार के साथ बदसलूकी की है यह पत्रकार एक चाकूबाजी की घटना के मामले में जानकारी लेने अस्पताल पहुंचा था. इस दौरान निजी बाउंसर ने उसे रोका, उसके साथ बदसलूकी की साथ ही धक्का मुक्की की. यह सारा वाकया अस्पताल में लगे सीसीटीवी में कैद हुआ. अस्पताल में निजी बाउंसर के द्वारा पत्रकार के साथ की गई बदसलूकी की जानकारी जैसे ही दूसरे पत्रकारों को लगी, वह मेकाहारा पहुंच गए और बदसलूकी करने वाले बाउंसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे.

इस दौरान अस्पताल में काफी गहमा गहमी का माहौल था. वही कार्रवाई न होता देख पत्रकारों ने मुख्यमंत्री निवास का रूख किया और वहां मुख्यमंत्री निवास के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान रायपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर सहित कई वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे. वहीं मामले की जानकारी लगने के बाद एसएसपी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए, बावजूद इसके हंगामा जारी रहा. देर रात तक सभी पत्रकार मुख्यमंत्री निवास के बाहर ही धरने पर बैठे रहे.

प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ है, जब वहां निजी बाउंसर के द्वारा कवरेज के लिए गए पत्रकार के साथ बदसलूकी की गई है, इसके पहले भी कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं, लेकिन उन बाउंसर पर कार्रवाई न होने के कारण उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि इस बार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पत्रकारों ने की है.

अस्पताल की सुरक्षा में तैनात प्राइवेट बाउंसरों द्वारा अपने कर्तव्यों की सीमाएं लांघते हुए एक पत्रकार से धक्का-मुक्की और अभद्रता की गई। यह पूरी घटना अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जिससे बाउंसरों की गुंडागर्दी के स्पष्ट सबूत सामने आ चुके हैं। यह घटना उस समय हुई जब उरला इलाके में हुई चाकूबाजी की घटना की जानकारी लेने और घायलों की स्थिति जानने के लिए एक बड़े टीवी चॅनेल के पत्रकार अस्पताल पहुंचे थे। पत्रकार अपने पेशेवर दायित्वों के तहत संबंधित वार्ड में जा रहा था, तभी वहां मौजूद एक प्राइवेट बाउंसर ने उसे रोका। जब पत्रकार ने अपनी पहचान दी और खबर कवरेज की बात कही, तब बाउंसर ने न केवल उसे रोकने की कोशिश की, बल्कि अपशब्द कहे और जबरन धक्का देकर पीछे हटा दिया। अस्पताल में प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से तैनात किए गए बाउंसरों की भूमिका पहले भी कई बार सवालों के घेरे में रही है, लेकिन इस बार तो उन्होंने सारी हदें पार कर दीं। एक पत्रकार, जो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, के साथ ऐसी बर्बरता प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाती है। अस्पताल प्रशासन भले ही मरीजों और परिजनों की सुरक्षा की दुहाई देता हो, लेकिन अगर सुरक्षा कर्मचारी ही गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाएं, तो आम नागरिकों का क्या होगा?

इस घटना का पूरा घटनाक्रम अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया है। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि बाउंसर पत्रकार से बहस कर रहा है और अचानक उसे धक्का देकर पीछे करता है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है और पत्रकार संगठनों, आम नागरिकों और राजनैतिक दलों द्वारा तीखी प्रतिक्रिया दी जा रही है। पूर्व में भी रहे हैं विवाद यह पहली बार नहीं है जब सरकारी अस्पताल में बाउंसरों के व्यवहार को लेकर विवाद हुआ है। पहले भी मरीजों के परिजनों और यहां तक कि कुछ चिकित्सकों से भी बहस और हाथापाई की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा इन घटनाओं को अक्सर नजरअंदाज किया गया, जिसका नतीजा आज पत्रकार के साथ हुई अभद्रता के रूप में सामने आया है। रायपुर के सबसे बड़े अस्पताल में पत्रकार से धक्का-मुक्की और बदसलूकी की यह घटना न केवल एक व्यक्ति पर हमला है, बल्कि लोकतंत्र और स्वतंत्र प्रेस के अधिकारों पर भी सीधा प्रहार है।

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