वेनेज़ुएला में रद्दी बराबर हुआ पैसा, सड़कों पर उड़ाए जा रहे नोट, कचरा समझ नहीं उठाता कोई !

वेनेज़ुएला, एक समय लैटिन अमेरिका का सबसे समृद्ध देश था. लेकिन आज हाइपरइन्फ्लेशन के भयानक चक्रव्यूह में बर्बाद हो गया है यहां पैसा अब कचरे से भी गया-गुजरा हो चुका है. सड़कों पर उड़ते नोटों को देखकर कोई सिर नहीं उठाता, क्योंकि उनकी वैल्यू शून्य के बराबर है. 2025 में यह संकट और गहरा गया है, जहां महंगाई दर 530 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, साल के अंत तक महंगाई 270 प्रतिशत के आसपास होगी, लेकिन स्वतंत्र अर्थशास्त्री 400 प्रतिशत से अधिक की चेतावनी दे रहे हैं. यह आंकड़ा दुनिया के सबसे ऊंचे स्तरों में से एक है, जो देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर रहा है.

इस संकट की जड़ें 2016 में पड़ीं, जब तेल की कीमतों में वैश्विक गिरावट और सरकारी नीतियों ने हाइपरइन्फ्लेशन को जन्म दिया था. लेकिन 2025 में अमेरिकी सैन्य धमकियों और कड़े प्रतिबंधों ने आग में घी डाल दिया. तेल उत्पादन अप्रैल में 8 लाख 70 हजार बैरल प्रतिदिन गिरकर रह गया, जो मार्च के 9 लाख 80 हजार से काफी कम है. चेवरॉन, ईएनआई और मॉरेल एंड प्रॉम जैसी कंपनियों के लिए अमेरिकी संचालन लाइसेंस समाप्त हो गए, जिससे पांच मिलियन बैरल का निर्यात रुक गया. विदेशी मुद्रा की आमद घटने से केंद्रीय बैंक के डॉलर भंडार सूख गए. सरकार ने खर्चों की भरपाई के लिए मुद्रा छापने का सहारा लिया, जिससे मई तक मौद्रिक तरलता 250 प्रतिशत बढ़ गई. बोलिवर की कीमत औसतन 13 प्रतिशत प्रति माह गिर रही है, जनवरी से डॉलर खरीदने की लागत दोगुनी हो चुकी है. आधिकारिक विनिमय दर 217 बोलिवर प्रति डॉलर है, लेकिन समानांतर बाजार में यह 310 तक पहुंच गई, यानी 43 प्रतिशत का अंतर आ गया.

लोगों की जिंदगी इस हाइपरइन्फ्लेशन से बुरी तरह प्रभावित हो रही है. एक किलो मीट का दाम ब्लैक मार्केट में 7 से 8 डॉलर हो गया है, जो कुछ महीनों पहले 4 डॉलर था. सार्वजनिक कर्मचारियों की वास्तविक मजदूरी साल की शुरुआत से 70 प्रतिशत से अधिक गिर चुकी है. स्वास्थ्यकर्मी, शिक्षक और पेंशनभोगी हड़तालों पर उतर आए हैं, क्योंकि सैलरी प्रतीकात्मक मात्रा में रह गई है. बोनस और सरकारी खर्चों से थोड़ी राहत मिलती है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. लोग डॉलर पर निर्भर हो गए हैं, लेकिन कैश डॉलर की कमी सड़कों पर महसूस हो रही है. दुकानदार और स्ट्रीट वेंडर आधिकारिक दर से ऊंची दरें वसूलते हैं, जिससे भुगतान, बजट और इन्वेंटरी प्रबंधन मुश्किल हो गया है. डिजिटल डॉलर ट्रांसफर आम हो गए हैं लेकिन नकद की किल्लत ने बाजार को ठप कर दिया है. वेनेजुएला फाइनेंस ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, अप्रैल में वार्षिक महंगाई 229 प्रतिशत पहुंच गई, जो 2024 के औसत 94 प्रतिशत से दोगुनी है.

सरकार इस संकट को छिपाने की कोशिश कर रही है. वेनेजुएला का केंद्रीय बैंक अक्टूबर 2024 से आधिकारिक महंगाई आंकड़े जारी करना बंद कर चुका है.

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