CG : कोंडागांव में नक्सली सुकालू राम ने किया सरेंडर, 19 साल से संगठन में सक्रिय था

छत्तीसगढ़ : कोंडागांव जिले में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। पिछले 19 वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़ा सुकालू राम नाग (52 वर्ष) ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। उसने सोमवार को कोंडागांव स्थित एसपी कार्यालय में अधिकारियों के सामने सरेंडर किया। सुकालू नाग माओवादी संगठन की विचारधारा से पूरी तरह निराश था और मुख्यधारा में लौटना चाहता था। सुकालू कोंडागांव के तुमड़ीवाल गांव का निवासी है। 2003 से 2018 तक वह बेड़मा जनमिलिशिया में सक्रिय सदस्य रहा, जबकि 2018 से 2025 तक पूर्वी बस्तर डिवीजन की आमदई एलओएस (लोकल ऑपरेटिंग स्क्वॉड) में सहयोगी सदस्य के रूप में काम कर रहा था। वह बस्तर, नारायणपुर और कोंडागांव जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में कई नक्सली गतिविधियों में शामिल रहा है।
सुकालू पर 2018 में एक गंभीर आरोप लगा था। उसने तुमड़ीवाल निवासी कटियाराम नाग को पुलिस मुखबिरी के आरोप में जनअदालत लगाकर सजा दी। कटियाराम की पिटाई की गई और उसे जान से मारने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं, उसके घर से 3.5 लाख रुपए के सामान भी लूट लिए गए थे। सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सुकालू को 50,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है। इसके साथ ही वह अन्य पुनर्वास योजनाओं के भी पात्र होंगे, जिनमें घर, रोजगार प्रशिक्षण और सामाजिक पुनःस्थापन जैसे लाभ शामिल हैं।
यह आत्मसमर्पण बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी., उत्तर बस्तर रेंज के डीआईजी अमित तुकाराम कांबले और कोंडागांव एसपी वॉय अक्षय कुमार के मार्गदर्शन में हुआ। आत्मसमर्पण के दौरान सीनियर एसपी शंकर लाल बघेल, एएसपी कौशलेंद्र देव पटेल और डीएसपी सतीश भार्गव भी मौजूद थे।
पुलिस अब नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार की आत्मसमर्पण नीति के प्रचार-प्रसार को और तेज कर रही है, ताकि और भी नक्सली हिंसा छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ें और समाज में पुनः स्थापित हो सकें। यह सरेंडर एक सकारात्मक संकेत है कि अब माओवादी संगठन की जड़ें कमजोर हो रही हैं और आदिवासी समुदाय के लोग शांति की ओर लौट रहे हैं।