जगदलपुर में 210 नक्सलियों का सरेंडर, संविधान की पुस्तक-गुलाब भेंट किए, थोड़ी देर में CM की प्रेस कॉन्फ्रेंस
छत्तीसगढ़ : जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने पुलिस के सामने अपने हथियार डाल दिए हैं। इनमें गुरुवार को बस्तर में सरेंडर करने वाले 140 और कांकेर में आत्मसमर्पण कर चुके करीब 60 नक्सली शामिल हैं। सरकार के सामने 200 से ज्यादा नक्सलियों ने लाल आतंक का रास्ता छोड़कर अपने जीवन को फिर से शुरु करने का फैसला लिया.सरेंडर करने के बाद मांझी चालकी समाज ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों को अपने समाज में शामिल किया.इसके लिए समाज के मुखिया ने नक्सलियों को लाल गुलाब देकर उनका समाज में स्वागत किया. नक्सलियों के हथियारों में 18-एके 47 , 1 UBGL , 23 इंसास, 17 एसएलआर , 4 कार्बाइन, 36- 303 और अन्य भरमार बंदूक शामिल हैं. नक्सलियों के ऐतिहासिक सरेंडर के दौरान छत्तीसगढ़ डीजीपी अरुणदेव गौतम, एडीजी विवेकानंद सिन्हा, एडीजी बीएसएफ, एडीजी सीआरपीएफ, बस्तर आईजी, बस्तर डीआईजी, बस्तर संभाग के सभी एसपी, बस्तर कलेक्टर शामिल हुए.
अभियान और सरकार की लगातार आत्मसमर्पण करने की अपील के बाद नक्सलवाद के मामले में ये बड़ी सफलता हाथ लगी है. माड़ डिवीजन के नक्सली बड़ी संख्या में सरेंडर किया. सेंट्रल कमेटी मेम्बर वासुदेव राव उर्फ सतीश उर्फ रूपेश उर्फ विकल्प के नेतृत्व में नक्सली जगदलपुर पुलिस लाइन में सीएम विष्णुदेव साय के सामने अपने हथियार डाले.सरेंडर करने वाले नक्सलियों में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य, डिवीजनल कमेटी मेम्बर, एरिया कमेटी मेम्बर समेत कैडर के माओवादी शामिल हैं. सरेंडर करने वाले सभी नक्सली 4 बसों में सवार होकर पुलिस लाइन जगदलपुर पहुंचे थे. जहां पहुंचने के बाद पुलिस ने माओवादियों के सभी हथियारों को कार्यक्रम स्थल में रखवाया. सीएम विष्णुदेव साय ने इस दौरान कहा कि देश के लिए ऐतिहासिक दिन है.

इस अभियान के तहत हल्बी और गोंडी भाषा में बैनर पोस्टर तैयार किए गए.जिसमें संभाग के सभी जिलों में हल्बी और गोंडी भाषा में बैनर पोस्टर जारी किया गया. जहां सरेंडर और पुनर्वास से सम्बंधित जानकारी के साथ ही पुलिस अधीक्षक के साथ जिले के अन्य पुलिस अधिकारियों का संपर्क नम्बर जारी किया गया है.
