बीजापुर में दर्जनभर ग्रामीणों को नक्सलियों ने छोड़ा, तीन लोगों की ले ली जान

छत्तीसगढ़ के बीजापुर के पेदाकोरमा में नक्सलियों ने मंगलवार शाम तीन ग्रामीणों की हत्या की थी.इसके बाद 12 लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए थे. आज बुधवार सुबह नक्सलियों ने बंधक बनाए गए ग्रामीणों को रिहा कर दिया है. बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने ग्रामीणों से पूछताछ करने के बाद उन्हें छोड़ दिया. नक्सलियों ने जिन तीन लोगों की हत्या की उनके नाम जूंगू मोडियम, सोमा मोडियम, अनिल मांडवी है.जिन्हें सोमवार 16 जून का नक्सलियों ने अगवा किया था.इसके बाद तीनों की मंगलवार 17 जून को हत्या कर दी गई. पुलिस सूत्रों के मुताबिक नक्सली वेला मोडियम,जितरू – PL 13 कमांडर, शंकर– PL 12 कमांडर ,रघु हापका – मिलिशिया प्लाटून कमांडर, सुक्कू मडकाम – जनताना सरकार अध्यक्ष ने हत्या और अपरहण की घटना को अंजाम दिया था. जिसमें सरेंडर कर चुके नक्सली के परिजन समेत एक युवक की हत्या कर दी.वहीं अपहरण किए गए 12 लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया. मारे गये युवकों में आत्मसमर्पित नक्सली कमांडर दिनेश मोडियम के रिश्तेदार हैं.जिनके नाम जूंगू मोडियम और सोमा मोडियम है.अनिल मंडावी का भाई CRPF बस्तर बटालियन में है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा कह चुके हैं कि तय समय सीमा के भीतर नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा. 31 मार्च 2026 तक माओवाद के खात्मे की डेडलाइन रखी गई है. जैसे जैसे डेडलाइन नजदीक आती जा रही है माओवादियों में तेजी से घबराहट भी बढ़ती जा रही है. विजय शर्मा ने साफ कर दिया है कि मानसून के दौरान भी एंटी नक्सल ऑपरेशन जारी रहेगा. सरकार के इस फैसले से साफ है कि माओवादियों के खात्मे को तय समय सीमा के भीतर करने के लिए सरकार और फोर्स दोनों काम कर रही है.
माओवाद के सफाए के लिए सरकार एंटी नक्सल ऑपरेशन तो चला ही रही है. इसके साथ साथ माओवादियों के पुनर्वास और सरेंडर के लिए नई नीति भी लेकर आई है. नई सरेंडर पॉलिसी के तहत माओवादियों को हथियार डालने पर नगद राशि के साथ साथ स्किल डेवलपमेंट का कोर्स भी कराया जा रहा है. शासन की कोशिश है कि सरेंडर करने के बाद नक्सली आम लोगों की तरह रोजी रोजगार करें.