NCERT ने ऑपरेशन सिंदूर पर स्पेशल मॉड्यूल जारी किया, क्लास 3-12 के सप्लीमेंट्री मटेरियल में शामिल

ऑपरेशन सिंदूर पर NCERT (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) ने दो स्पेशल मॉड्यूल जारी किए हैंइन्हें क्लास 3 से 12 तक के छात्रों के लिए सप्लीमेंट्री मटेरियल के तौर पर शामिल किया गया है मॉड्यूल में बताया गया है कि पाकिस्तान भले ही पहलगाम आतंकी हमले में किसी भी तरह से शामिल होने से इनकार करता है, लेकिन यह हमला पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक लीडरशिप के सीधे आदेश पर हुआ था ये मॉड्यूल स्कूली बच्चों के बीच भारत की सैन्य शक्ति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से बनाए गए हैंक्लास 3 से 8 के लिए मॉड्यूल का टाइटलऑपरेशन सिंदूर-वीरता की गाथा‘ और 9 से 12 तक के लिए मॉड्यूल का टाइटलऑपरेशन सिंदूरसम्मान और बहादुरी का मिशनहै NCERT के स्पेशल मॉड्यूल रेगुलर कोर्स का हिस्‍सा नहीं होतेइसे कोई खास टॉपिक बच्‍चों को समझाने के लिए सप्लीमेंट्री मटेरियल के तौर पर तैयार किया जाता हैइसे पोस्‍टर्स, चर्चाओं और वाद-विवाद के जरिए बच्‍चों को पढ़ाया जाता है

मॉड्यूल में लिखा है कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ मिलिट्री ऑपरेशन नहीं, बल्कि शांति की रक्षा और पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के सम्मान का वादा है। ‘ऑपरेशन सिंदूरनाम मृतकों की विधवाओं के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में चुना गया थाएक मॉड्यूल में कहा गया है, ‘भारत ने 7 मई, 2025 को पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइलें और हवाई हमले किए। 9 में से सात टारगेट को भारतीय सेना ने नष्ट कर दियाभारतीय वायु सेना ने मुरीदके और बहावलपुर में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के सेंटर हैं।’ मॉड्यूल में यह भी बताया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को रोकने का भारत का तरीका भी थाNCERT ने सरकार के इस रुख को दोहराया है कि भारत ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी नागरिक को नुकसानपहुंचे

पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थेइसके जवाब में भारत ने 7 मई को POK और पाकिस्तान की टेरर साइट्स को टारगेट किया थाइसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए थेइस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया थाइसके बाद दोनों देशों के बीच 10 मई तक संघर्ष की स्थिति बन गई थी

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