नवरात्रि से पहले लागू हो सकती है नई GST दरें

केंद्र सरकार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के स्ट्रक्चर में सुधार पर काम कर रही है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि GST में सुधार के प्रस्ताव को दिवाली से पहले लागू किया जाएगा। हालांकि, नई जानकारी के मुताबिक इसे नवरात्रि से भी पहले लागू किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली GST काउंसिल 22 सितंबर के आसपास जीएसटी दरों के नए स्लैब लागू कर सकती है। GST में सुधार के प्रस्ताव को पहले लागू करने से देश में त्योहारी मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इस साल नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक है। केंद्र जल्द से जल्द जीएसटी में कटौती लागू करने की तैयारी कर रहा है। वह जीएसटी काउंसिल पर तत्काल प्रभाव से दरों में कटौती को मंजूरी देने का दबाव भी डाल सकता है, हालांकि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
जीएसटी काउंसिल 3-4 सितंबर को दिल्ली में बैठक करेगी, जिसमें 5% और 18% के दो-स्लैब वाले जीएसटी स्ट्रक्चर पर विचार किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, काउंसिल के निर्णय के पांच से सात दिनों के भीतर नई दरों की अधिसूचनाएं जारी होने की संभावना है। वर्तमान में अलग-अलग सामानों पर 5%, 12%, 18% और 28% का GST लगता है। हालांकि, नई व्यवस्था में सिर्फ दो स्लैब 5% और 18% होंगे। 12% और 28% वाले बहुत से सामान 5% या 18% वाले स्लैब में चले जाएंगे। जैसे – पैक्ड फूड, एसी, वॉशिंग मशीन जैसी चीजें सस्ती हो सकती हैं। दूसरी तरफ अल्ट्रा-प्रीमियम कारों और तम्बाकू जैसे नुकसानदायक सामान पर 40% तक का टैक्स लगाने का विचार है। यानी सिगरेट, पान मसाला और शुगर ड्रिंक्स महंगे हो सकते हैं।
जीएसटी की शुरुआत साल 2017 में की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह GST सबसे अहम सुधारों में से एक है। उन्होंने आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग और MSME को राहत प्रदान करने के लिए इसे युक्तिसंगत बनाने की जरूरत पर जोर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा है कि नई जीएसटी व्यवस्था लोगों को आत्मनिर्भर बनाएगी और मैन्युफैक्चरिंग और MSME में ग्रोथ को बढ़ावा देगी।
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जो इंश्योरेंस GoM के संयोजक भी हैं, ने कहा कि केंद्र ने लोगों को हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को GST से छूट देने का प्रस्ताव रखा है, जिस पर कुछ राज्यों ने असहमति जताई है। वर्तमान में ऐसे प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगता है। चौधरी ने कहा, “केंद्र का प्रस्ताव स्पष्ट है कि इंश्योरेंस सेक्टर में इंडिविजुअल और फैमिली (पॉलिसी) को जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए। इस पर चर्चा हो चुकी है और मंत्री समूह की रिपोर्ट काउंसिल को प्रस्तुत की जाएगी।”