CG NEWS : प्रदेश में 7 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की तैयारी, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने मांगा प्रस्ताव

छत्तीसगढ़ सरकार अब प्रदेश के 7 जिलों में केंद्रीय विद्यालय खोलने जा रही है। इन सीबीएसई स्कूलों की मदद से सरकार राज्य में शिक्षा का स्तर सुधारने के प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने प्रदेश के सात नए जिलों के कलेक्टरों से केंद्रीय विद्यालयों के लिए प्रस्ताव मांगे हैं, इसके साथ ही सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल और मॉडल स्कूल खोलने की योजना पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार अब छत्तीसगढ़ के पिछड़े व छोटे शहरों के बच्चों को भी बड़े शहरों जैसी शिक्षा प्रदान की जाएगी। यह नई घोषणाएं इसी कड़ी का हिस्सा हैं।

लोक शिक्षण संचालनालय ने उन सात जिलों की पहचान की है जहां इन प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों को स्थापित किया जाएगा। इन जिलों के कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों से केंद्रीय विद्यालय खोलने के संबंध में उनकी राय और संपूर्ण प्रस्ताव तुरंत भेजने के लिए कहा गया है।

ये जिले हैं:

बालोद

बलौदाबाजार

गरियाबंद

बलरामपुर

गौरेला-पेंड्रा-मरवाह

सारंगढ़-बिलाईगढ़

मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी

ये स्थान रणनीतिक रूप से चुने गए हैं ताकि राज्य के विभिन्न कोनों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ पहुँच सके। इन विद्यालयों के खुलने से इन क्षेत्रों के छात्रों को केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा संचालित उच्च मानकों वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने हाल ही में एक विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की थी, जिसमें उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था और उसकी गुणवत्ता में व्यापक सुधार लाने के लिए कड़े निर्देश दिए थे। यह निर्देश केवल केंद्रीय विद्यालयों तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि इसमें मॉडल स्कूलों के विकास, नवोदय विद्यालयों की स्थापना, और शिक्षा से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर भी जोर दिया गया था।

मंत्री के निर्देशों के बाद, शिक्षा विभाग ने तत्परता से केंद्रीय विद्यालय खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। इन जिलों से प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद, राज्य शासन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित करेगा ताकि इन विद्यालयों को स्थापित करने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।

केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय खोलने के साथ-साथ, शिक्षा विभाग ने प्रदेश के मौजूदा स्कूलों को ‘मॉडल स्कूल’ के रूप में बदलने की एक समानांतर पहल भी शुरू कर दी है। यह एक दूरगामी योजना है जिसका उद्देश्य पूरे राज्य में शैक्षणिक सुविधाओं और गुणवत्ता को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *