मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने की तैयारी में विपक्ष, इंडिया गठबंधन की बैठक में महाभियोग प्रस्ताव लाने पर हुई चर्चा

कांग्रेस और तमाम विपक्षी दलों की तरफ से चुनाव आयोग पर पिछले कई दिनों से गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. इसको लेकर राहुल गांधी की तरफ से बीते दिनों एक प्रेजेंटेशन भी दी गई थी, जिसके बाद जमकर बवाल देखने को मिला था. कांग्रेस के आरोपों के बाद चुनाव आयोग की तरफ से रविवार को प्रेस कांफ्रेंस की गई थी. इसमें आयोग ने अपना पक्ष रखा था और विपक्षी दलों को चेतावनी दी थी कि उनके कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति न करें. अब विपक्ष भी चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने पर विचार कर रहा है. अब इस मामले पर विपक्षी राजनीतिक दलों ने नाराजगी जाहिर की है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया ब्लॉक की बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग लोन की बात कही है. इसको लेकर बैठक में प्रस्ताव भी लाया गया है. हालांकि अब तक इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है.

इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान तमाम राजनीतिक दल मुख्य चुनाव आयुक्त से नाखुश नजर आ रहे हैं. इसके पीछे की मुख्य वजह बीते दिन चुनाव आयुक्त की प्रेस कांफ्रेंस को माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयुक्त ने कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों को सीधी चेतावनी दी थी कि गड़बड़ियों को लेकर सबूत देना होगा और 1 हफ्ते के भीतर हलफनामा भी दाखिल करना होगा. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कहा, मुख्य चुनाव आयुक्त (ज्ञानेश कुमार) ने बीजेपी से यही अनुरोध क्यों नहीं किया? उन्होंने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त बीजेपी के साथ कांग्रेस जैसा व्यवहार क्यों नहीं कर रहे? मुझे लगता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस संवैधानिक पद की गरिमा को कमजोर किया गया है.

महाभियोग प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा, “अगर ज़रूरत पड़ी तो हम नियमों के तहत लोकतंत्र के सभी हथियारों का इस्तेमाल करेंगे. अभी तक हमने (महाभियोग के बारे में) कोई चर्चा नहीं की है, लेकिन ज़रूरत पड़ी तो हम कुछ भी कर सकते हैं.”

मुख्य चुनाव आयुक्त ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि उस पर लगाए जा रहे वोट चोरी जैसे झूठे आरोपों सेतो आयोग डरता है और न ही मतदाता डरता है. साथ ही कहा था कि राजनीतिक दलों का पंजीकरण चुनाव आयोग ही करता है और उसकी नजर में न कोई पक्ष है, न विपक्ष है, सभी समकक्ष हैं. हमारे लिए सभी बराबर हैं. अगर आपको लगता है कि कुछ गड़बड़ी है तो सबूत दें. हम भी उसमें सुधार करेंगे. केवल बात करने से कुछ नहीं होगा.

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