जूनियर वर्ल्ड कप के लिए भारत नहीं आएगी पाकिस्तानी हॉकी टीम, टूर्नामेंट से वापस लिया नाम

बिहार के राजगीर में हुए एशिया कप हॉकी 2025 में पाकिस्तानी टीम ने भाग नहीं लिया था. अब कुछ महीनों बाद पाकिस्तान ने जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप 2025 से भी अपना नाम वापस ले लिया है. जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप भी भारत में ही होना है. अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) ने शुक्रवार (24 अक्टूबर) को इस बात की पुष्टि की. एफआईएच ने कहा कि पाकिस्तान की जगह नई टीम की घोषणा जल्द की जाएगी. एफआईएच ने यह भी कहा कि टूर्नामेंट में पूरी संख्या में टीम्स शामिल होंगी, ताकि प्रतियोगिता बिना किसी रुकावट के जारी रह सके. जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप 28 नवंबर से 10 दिसंबर तक चेन्नई और मदुरै में खेला जाना है. टूर्नामेंट में 24 टीम्स भाग लेंगी.

एफआईएच की ओर से समाचार एजेंसी पीटीआई को जारी बयान में कहा गया, ‘हम पुष्टि करते हैं कि पाकिस्तान हॉकी महासंघ ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) को सूचित किया है कि वे भारत में होने वाले एफआईएच मेन्स जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में भाग नहीं लेंगे. पाकिस्तान इस टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई कर चुका था.’ यह फैसला दोनों देशों के बीच हालिया तनावपूर्ण माहौल की पृष्ठभूमि में लिया गया है.

पाकिस्तान के हटने से ये टूर्नामेंट शायद ही प्रभावित होगा. बाकी टीमों की तैयारियां जोरों पर हैं. यह टूर्नामेंट दुनिया भर के उभरते युवा हॉकी खिलाड़ियों के लिए एक अहम मंच साबित होने जा रहा है. हाल ही में भारतीय सरकार ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय खेल संबंधों पर प्रतिबंध की नीति को औपचारिक रूप दिया था. सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि भारत मल्टी नेशन टूर्नामेंट्स में भाग लेगा, भले ही पाकिस्तान उसमें शामिल हो. पाकिस्तान के हटने से टूर्नामेंट के ग्रुप्स और मुकाबलों का शेड्यूल फिर से तैयार किया जाएगा. जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप युवा खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का सबसे बड़ा मौका माना जाता है. आयोजक चाहते हैं कि भारत में यह टूर्नामेंट पूरी सफलता के साथ संपन्न हो.

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ने कुछ समय पहले कहा था कि पाकिस्तान के लिए जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में खेलने के दरवाजे खुले हुए हैं. उन्होंने कहा था, ‘भले ही पाकिस्तान इंतजार की स्थिति में ना रहे, लेकिन उनके लिए स्वागत का दरवाजा हमेशा खुला रहेगा. ‘ बयान से स्पष्ट था कि भारत अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी समावेशी भावना के साथ करना चाहता है, भले ही दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण क्यों न हों.

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