प्लेन क्रैश के बाद खौफनाक था मंजर! 1000 डिग्री तक पहुंच गया टेंपरेचर… कुत्ते-चिड़िया भी भस्म हो गए!

गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर को एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना ग्रस्त हो गया था. यह विमान लंदन जाने के लिए रवाना हुई थी. इस हादसे में अब तक 265 लोगों की जान चली गई है. घंटों तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया और घायलों को अस्पताल तक उपचार के लिए भर्ती किया गया. अधिकारियों ने बताया है कि विमान के क्रैश होने के बाद विमान के अंदर और आसपास का तापमान करीब 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना मुश्किल हो गया था. फायर ब्रिगेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, जैसे ही विमान का टक्कर हुआ टैंक फटा तो इससे आग लग गई. जिससे कुछ ही पल में तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. तापमान इतना बढ़ गया कि किसी को बचने का मौका ही नहीं मिला. एसडीआरएफ के एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि तापमान इतना बढ़ गया था कि घटनास्थल पर मौजूद कुत्ते और पक्षी भी इसके शिकार हो गए. उन्हें भागने का मौका नहीं मिल सका.
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) समेत अमेरिका और ब्रिटेन की टीमें अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत कर रही हैं. हादसे के कारणों को लेकर इंजन फेलियर, ओवरवेट और थ्रस्ट न मिलने जैसी कई संभावनाएं हैं, जिनकी पड़ताल जारी है. दुनिया भर के मुल्कों ने इस हादसे पर दुख प्रकट किया है. आज शुक्रवार सुबह करीब 8 बजकर 30 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचे. 9 बजे के करीब प्रधानमंत्री प्लेन क्रैश साइट पर पहुंचे और 10 मिनट तक रुककर जायजा लिया. केंद्रीय उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू और कई शीर्ष अधिकारियों ने स्थिति के बारे में विस्तार से बताया.
प्रधानमंत्री से पहले गुरुवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी घटनास्थल पर पहुंचे थे और स्थिति का जायजा लिया था. शाह ने अस्पताल में घायलों से भी मुलाकात की थी.
एआई 171 विमान हादसे में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) बरामद कर लिया गया है, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की तलाश जारी है. इंडियन पायलट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कैप्टन सीएस रंधावा के अनुसार, एक संभावित कारण यह हो सकता है कि यदि गियर ऊपर करने के बजाय फ्लैप्स ऊपर कर दिए गए हों, तो विमान लिफ्ट खोकर स्टॉल कर सकता है.
हादसे के अन्य संभावित कारणों में बर्ड स्ट्राइक और फ्यूल में पानी की मौजूदगी भी शामिल हैं, जिनकी जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) कर रहा है. यह ब्लैक बॉक्स, जिसमें दो यूनिट होते हैं – फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर, वास्तव में चमकीले नारंगी रंग का होता है और आग से बचाव और फ्यूल टैंक से दूरी के लिए टेल सेक्शन में रखा जाता है.