UP में बारिश ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, उत्तराखंड के नौ कैंची और बद्रीनाथ में लैंड स्लाइड, 3 की मौत

देश में मानसून की एंट्री को आज एक महीना पूरा हो गया है। 24 मई को यानी तय तारीख से 8 दिन पहले इसने केरल में दस्तक दी थी। अब तक यह 24 राज्यों को कवर कर चुका है। अगले 24 घंटे में दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में दस्तक दे सकता है। मानसून को पूरा देश कवर करने में 2-3 दिन और लग सकते हैं। यानी मानसून 10-12 दिन पहले समूचे देश को कवर कर सकता है। आमतौर पर ऐसा 8 जुलाई तक होता है, जब यह पश्चिमी राजस्थान के पोखरण में पहुंचता है। उत्तर प्रदेश में जून में बारिश का 50 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। 1971 से 2020 के बीच हुई औसत बारिश के मुकाबले इस साल 25% ज्यादा बरसात हुई है। इस साल राज्य में 1 जून से 23 जून के बीच 66.9 मिमी औसत बारिश हुई है, जबकि अनुमान 53.7 मिमी का था। उत्तराखंड में मानसून के पहुंचने के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं का दौर भी शुरू हो गया है। यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौ कैंची बैंड के पास भूस्खलन हुआ, इसमें करीब आधा दर्जन यात्री दब गए। मलबे से 2 शव बरामद किए गए हैं। राहत और बचाव का काम जारी है।
बद्रीनाथ से लौट रहे हरियाणा के श्रद्धालु की कार पर पहाड़ी से एक बड़ा पत्थर गिर जाने से महिला यात्री की मौके पर ही मौत हो गई। केदारनाथ पैदल मार्ग पर बरसाती नाले में उफान से भारी मात्रा में मलबा दुकानों में घुस गया। लगभग आधा दर्जन दुकानों को नुकसान हुआ है।

​​​​​​​गुजरात के दक्षिण गुजरात में पिछले दो दिनों से जमकर बारिश हो रही है। सोमवार को सूरत जिले में पिछले 24 घंटे में 10 इंच बारिश दर्ज की गई। सूरत शहर में भी सोमवार सुबह 8 बजे से 12 बजे तक 7 इंच बारिश हुई। इससे सूरत में कई जगह बाढ़ का हालात बन गए हैं। आज सुबह से भी शहर में रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। सूरत का कॉजवे ओवरफ्लो होने के चलते यातायात के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है। सूरत जिले के बारडोली के कई इलाकों में भी घुटनों तक पानी भरा हुई है। ऐसा ही हाल खंभात शहर का है। यहां सोमवार देर रात से शुरू हुई भारी बारिश से सड़कें डूब गई हैं। तालाब फटने से मांडवी के मुंजालवा गांव में पानी भर गया है।

 

 

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