रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुलिस परेड ग्राउण्ड में ध्वजारोहण किया

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। उन्होंने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए अत्यंत गौरव का दिन हैअंग्रेजी साम्राज्यवाद से लड़ते हुए हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपना सर्वस्व बलिदान कर हमें स्वतंत्रता का उजाला सौंपा। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और सेना के वीर जवानों को नमन करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 गौरवशाली वर्षो की विकास यात्रा को ’’छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव’’ के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के शुभारंभ की घोषणा की। उन्होंने यह भी घोषणा कि रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली जल्द ही लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इस अवसर पर हम विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लें। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता श्रद्धेय अटल जी के सुशासन का दृढ़ संकल्प हमें शक्ति देता है। हम निश्चित ही जन-जन की सहभागिता से विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लक्ष्य को साकार करेंगे। गोस्वामी तुलसीदास जी का कथन ‘‘रामकाजु कीन्हें बिनु मोहि कहां बिश्राम‘‘ हमारा आदर्श वाक्य है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के सिद्धांत हमारे पथप्रदर्शक हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वदेशी को जन-आंदोलन का रूप दिया है। आत्मनिर्भर भारत 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प है। स्वतंत्रता दिवस का यह प्रेरक अवसर हमें राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रदेशवासियों से राष्ट्रहित में यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि – हर नागरिक स्वदेशी वस्तु खरीदना देशभक्ति का कार्य माने, हर व्यवसाय गुणवत्ता और स्थिरता को अनिवार्य मानें, हर नवाचारी सबसे पहले भारत के बारे में सोचे, हर किसान पर्यावरण अनुकूल समावेशी कृषि को अपनाए और हर क्षेत्र निर्भरता से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के वोकल फॉर लोकल अभियान को आगे बढ़ाने में छत्तीसगढ़ की अग्रणी भूमिका होस्वदेशी रोजगार सृजन का ही नहीं देशभक्ति का भी एक उपक्रम हैहम नई औद्योगिक नीति के जरिए प्रदेश में बनने वाले उत्पादों को वैश्विक मंच प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री जी के लोकल फॉर ग्लोबल विजन पर काम कर रहे हैंअपने दैनिक जीवन में स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों को अपनाने से स्थानीय कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों को रोजगार मिलता हैइसका सीधा परिणाम देश और प्रदेश की आर्थिक समृद्धि के रूप में सामने आता हैहमारी आयात निर्भरता कम होती हैहम खादी को बढ़ावा देकर स्थानीय बुनकरों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं, इससे हमें टैक्सटाइल क्षेत्र में अपनी वैश्विक पहचान बनाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई को प्रोत्साहित कर हम मेक इन इंडिया अभियान में अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैंसूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष जोर देना होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा दिया गया जीरो डिफेक्ट – जीरो इफेक्ट का मंत्र अत्यंत कारगर है। हमारे गांव, नगर और जिले स्तर पर तैयार होने वाली वस्तुएं गुणवत्ता के मामले में किसी से कम नहीं है। इसके लिए उन्हें डिजिटल संसाधनों, नवाचार, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी और एआई जैसी तकनीक को अपनाना होगा। अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान… के ध्येय वाक्य के साथ हम आगे बढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान के जरिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करते हुए भारत सैन्य उपकरणों का निर्यातक के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आज जलवायु संकट का सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ रहा है। कृषि क्षेत्र इससे अछूता नहीं है। ऐसे समय में रसायन मुक्त, प्राकृतिक खेती किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी साबित होगी। श्रीअन्न, दलहन-तिलहन और मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देकर छत्तीसगढ़ के हमारे किसान भाई कृषि लागत को कम कर सकते हैं। इससे रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों पर हमारी निर्भरता भी कम होगी।

मुख्यमंत्री ने देश की आजादी की लड़ाई में स्वर्णिम अक्षरों में लिखे गये परलकोट विद्रोह के नायकों का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि इस वर्ष परलकोट विद्रोह के 200 वर्ष पूरे हो गए हैं। आज भी शहीद गेंदसिंह की वीरता के किस्से प्रदेश की जनता उतने ही गौरव भाव से सुन रही है। भूखे और उत्पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए शहीद वीरनारायण सिंह द्वारा की गई लड़ाई को कौन भूल सकता है। उन्होंने रायपुर सिपाही विद्रोह के नायक हनुमान सिंह जी का भी इस अवसर पर स्मरण किया। उन्होंने कहा कि भूमकाल विद्रोह के माध्यम से वीर गुंडाधुर ने अपनी मातृभूमि के लिए जिस अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन किया, वो इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। शहीद यादव राव, वेंकट राव, धुरवा राव, डेबरी धुर, आयतु माहरा सहित हमारे अनेक जनजातीय नायकों का बलिदान देशभक्ति की अद्भुत मिसाल है।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने अपना अटल संकल्प पूरा किया और देश के नक्शे में छत्तीसगढ़ का एक नये राज्य के रूप में उदय हुआ। अटल जी के जन्म शताब्दी वर्ष को हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पुण्य धरा प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न है। हमारे पास समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर हैं और अपार उत्साह समेटे हुए विपुल जन संसाधन है। एक नवंबर 2000 को जब यह राज्य बना, तब हमने एक सपना देखा था, एक विकसित, आत्मनिर्भर और समावेशी छत्तीसगढ़ का। आज मैं गर्व से कह सकता हूँ कि हम उस दिशा में तेजी से आगे बढ़़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने आपातकाल के पचास बरस पूरे होने पर लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि आपातकाल के बेहद कठिन दौर में यातनाओं की परवाह न करते हुए उन्होंने लोकतंत्र की मशाल थामें रखी। उन्होंने कहा कि मातृभूमि के लिए अपने हिस्से की जिम्मेदारी हमें निभानी है। हमें यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वर्ष 2047 तक विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को मूर्त रूप देना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने वीर जवानों पर गर्व है, जिन्होंने अपने असीम शौर्य और साहस से मातृभूमि का शीश हमेशा ऊंचा रखा। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद पाकिस्तान की ओर से हुए आक्रमण से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक हर बार हमारे जवानों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी कृत्य का बदला लेने हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिन्दूर चलाया गया। यह ऑपरेशन दुनियाभर में भारत के पराक्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक बना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की अगुवाई में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गई है। हमारा चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिण धु्रव पर पहुंच चुका है और शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में तिरंगा लहरा दिया है। इस सफलता के पीछे देशवासियों की कड़ी मेहनत और हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व, दृढ़ संकल्प और अथाह इच्छा शक्ति की विशेष भूमिका है।

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