फरार सूदखोर रोहित-तोमर का पता बताने पर मिलेगा 5 हजार, रायपुर पुलिस ने रखा इनाम, पहचान गोपनीय रहेगी
रायपुर में लंबे समय से सूदखोरी, अवैध वसूली, धमकी और मारपीट जैसे अपराधों में सक्रिय नाम रोहित तोमर पर पुलिस ने नकेल और कस दी है। लगातार 5 महीने से फरार हिस्ट्रीशीटर रोहित की गिरफ्तारी के लिए रायपुर पुलिस ने 5,000 रुपए का इनाम घोषित कर दिया है। यह इनाम उस व्यक्ति को दिया जाएगा जो उसे पकड़वाने या उसके ठिकाने की पुख्ता जानकारी पुलिस तक पहुंचाएगा। इससे पहले उसके बड़े भाई एवं अपराधी प्रवृत्ति के वीरेन्द्र तोमर पर भी पुलिस इनाम घोषित कर चुकी है। रोहित तोमर को एक और बड़ा झटका मिला है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने उसके द्वारा दायर रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया है। यह पिटीशन उसने 2013 के गोलीकांड प्रकरण में दायर की थी, जिसमें वह आरोपी है। अब हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद इस मामले की निचली अदालत में अंतिम सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है। कानूनी मोर्चे पर असफलता और लगातार फरारी के चलते पुलिस अब उसके खिलाफ और कड़े कदम उठाने की तैयारी में है।
रोहित तोमर के साथ फरार चल रहे उसके बड़े भाई वीरेन्द्र तोमर को पुलिस ने हाल ही में ग्वालियर से पकड़कर रायपुर जेल भेजा है। हालांकि, पूछताछ में भी उसने रोहित के ठिकाने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। पुलिस का मानना है कि रोहित ने गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदलने की रणनीति अपनाई है और उसके कुछ स्थानीय सहयोगी उसकी मदद कर रहे हैं।
पिछले 5 महीनों में तोमर बंधुओं पर मारपीट, धमकी, अवैध वसूली, ब्लैकमेलिंग और सूदखोरी के 8 नए केस दर्ज हुए हैं। इसके अलावा पुराने मामलों को जोड़ें तो दोनों भाइयों पर 16 से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। पीड़ितों के अनुसार तोमर बंधु छोटी रकम उधार देकर कई गुना वसूली करते थे, कई बार 10 गुना तक पैसे लौटवाए गए।
तोमर बंधुओं की अपराधिक गतिविधियों को देखते हुए रायपुर पुलिस ने उनके पुराने मामलों की भी पुन: जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि इनकी वजह से वर्षों से आम लोगों व छोटे व्यापारियों में भय का माहौल बना हुआ था, जिसे अब खत्म करना आवश्यक है। पुलिस लगातार उनके संपर्कों, वित्तीय लेन-देन और छुपने में मदद करने वालों पर निगरानी कर रही है। साइबर जांच से लेकर मोबाइल लोकेशन, वित्तीय ट्रेल और नेटवर्क की सघन जांच जारी है।
