राजस्थान : सरकारी नौकरी में दिव्यांग कोटे का फर्जीवाड़.. विधायक की बेटी और पुत्रवधु पर आरोप, एसओजी जांच करेगी

राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए दिव्यांग कोटे के दुरुपयोग का मामला सामने आया है. हाल ही में एसओजी ने 29 सरकारी कर्मचारियों की जांच की थी, जिसमें से 24 के दिव्यांगता प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे. अब यह मुद्दा और गर्म हो गया है क्योंकि आरोप सीधे सत्ताधारी बीजेपी के विधायक की बेटी और पुत्रवधु पर लगे हैं. ब्यावर से चौथी बार विधायक बने शंकर सिंह रावत की बेटी कंचन चौहान पर आरोप है कि उसने फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नायब तहसीलदार की नौकरी हासिल की. वहीं उनकी पुत्रवधु सुनीता पर भी तलाकशुदा कोटे से जाली तरीके से नौकरी पाने का आरोप है.
राजस्थान लोक सेवा आयोग को कंचन चौहान के खिलाफ शिकायत मिली, जिसके बाद आयोग ने एसओजी से जांच करने की सिफारिश की. अब एसओजी यह जांच करेगी कि कंचन चौहान वास्तव में दिव्यांग हैं या नहीं, उनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र असली है या नकली और क्या उन्होंने दिव्यांग कोटे का दुरुपयोग किया. कांग्रेस का कहना है कि आरोप सत्ताधारी पार्टी के विधायक की बेटी पर है, इसलिए सरकार को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए, न कि बचाव में उतरना चाहिए.
इस मामले पर विधायक शंकर सिंह रावत ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा कि उनकी छवि खराब करने के लिए उनकी ही पार्टी के कुछ नेता और मंत्री साजिश कर रहे हैं. रावत का कहना है कि वे जांच के लिए पूरी तरह तैयार हैं लेकिन यह साफ होना चाहिए कि उनके खिलाफ षड्यंत्र किसने रचा है. एसओजी ने हाल ही में दिव्यांग कोटे से नौकरी करने वाले 29 लोक सेवकों की जांच की थी, जिनमें से 24 के सर्टिफिकेट फर्जी निकले. यह खुलासा बताता है कि सरकारी तंत्र में किस पैमाने पर जाली प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरियां हथियाई जा रही हैं