इस पहाड़ी इलाके में नजर आई दुर्लभ बिल्ली, कैमरे में हो गई कैद

भारत में इतने भिन्न-भिन्न तरह के जीव हैं कि उनके बारे में जानकर हर कोई हैरान हो जाता है. हाल ही में ऐसे ही एक जीव की तस्वीर अरुणाचल प्रदेश से सामने आई है जिसने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है. अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे हिमालयी इलाकों में हाल ही में एक अभूतपूर्व खोज हुई है. यहां पहली बार पैलस कैट की तस्वीर कैमरे में कैद हुई है. यह उपलब्धि वाइल्डलाइफ संरक्षण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर मानी जा रही है. वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर ने राज्य वन विभाग और स्थानीय समुदायों की मदद से जुलाई से सितंबर 2024 के बीच यह सर्वेक्षण किया. WWF-India ने वेस्ट कामेंग और तवांग जिलों के 2,000 वर्ग किलोमीटर में फैले ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 136 कैमरा ट्रैप 83 स्थानों पर लगाए. इस परियोजना को ब्रिटेन सरकार ने डार्विन इनिशिएटिव के जरिए फंड किया. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य था- हिमालयी पारिस्थितिकी और वहां पाई जाने वाली बिल्लियों की विविधता को समझना. टीम का नेतृत्व रोहन पंडित, ताकु साई, निसम लक्सोम और पेम्बा त्सेरिंग रोमो ने किया, जबकि मार्गदर्शन ऋषि कुमार शर्मा (हेड ऑफ साइंस एंड कंज़र्वेशन, हिमालयाज प्रोग्राम, WWF-India) ने दिया.

पैलस कैट, जिसे “मैनुल” भी कहा जाता है, दुनिया की सबसे कम अध्ययन की गई और कम देखी जाने वाली जंगली बिल्लियों में से एक है. यह प्रजाति IUCN की रेड लिस्ट में “Least Concern” श्रेणी में आती है, लेकिन इसके बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है. अरुणाचल में इसकी मौजूदगी ने इसके ज्ञात क्षेत्र को और आगे बढ़ाया है. इससे पहले यह केवल सिक्किम, भूटान और पूर्वी नेपाल में दर्ज की गई थी. यहां इसे लगभग 5,000 मीटर की ऊंचाई पर रिकॉर्ड किया गया, जो इसके वैश्विक अधिकतम 5,050 मीटर के करीब है.

इस सर्वेक्षण में पैलस कैट के अलावा कई और अद्भुत रिकॉर्ड सामने आए- कॉमन लेपर्ड 4,600 मीटर पर, क्लाउडेड लेपर्ड 4,650 मीटर पर, मार्बल्ड कैट 4,326 मीटर पर, हिमालयन वुड आउल 4,194 मीटर पर, ग्रे-हेडेड फ्लाइंग स्क्विरेल 4,506 मीटर पर. ये आंकड़े न सिर्फ भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सबसे ऊंची ऊंचाई पर दर्ज अवलोकनों में गिने जा सकते हैं. सर्वेक्षण के दौरान एक दिलचस्प घटना यह भी देखी गई कि स्नो लेपर्ड और कॉमन लेपर्ड ने एक ही स्थान पर सुगंध (सेंट-मार्किंग) छोड़ी. यह दर्शाता है कि ये बड़ी बिल्लियां ऊंचे हिमालयी आवासों को साझा कर सकती हैं.

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