छत्तीसगढ़ में तीन लाख से ज्यादा संदिग्ध राशन कार्ड, केंद्र के पोर्टल से खुलासा

भारत सरकार के पोर्टल से इस बात का खुलासा हुआ है कि, छत्तीसगढ़ में करीब सवा तीन लाख राशन कार्ड संदिग्ध हैं। राज्य सरकार के डाटाबेस के मुताबिक यह संख्या इससे भी अधिक है। प्रदेश में हजारों राशनकार्ड धारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने छह महीने से लेकर सालभर तक राशन ही नहीं उठाया है। ये तथ्य सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में संदिग्ध राशन कार्डों की हर जिले में जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। अब तक 38 हजार से अधिक कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। राज्य में फर्जी राशन कार्ड के जरिए राशन की अफरा-तफरी के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। ये प्रक्रिया बरसों बरस से जारी है, लेकिन अब पीडीएस की प्रक्रिया ऑनलाइन होने और केंद्र सरकार के पोर्टल पर डाटाबेस अपटेड होने से यह गड़बड़ी खुलकर सामने आ रही है।
राज्य में संदिग्ध राशन काडों का खुलासा केंद्र सरकार के पोर्टल के माध्यम से सामने आया है। पोर्टल पर राइटफुल टारगेटिंग सस्पेक्ट बेनेफिशरीज पर संदिग्ध राशन कार्डों की संख्या 3 लाख 22 हजार 668 प्रदर्शित हो रही है। यह जानकारी सामने आने के बाद राज्य सरकार के डाटाबेस के माध्यम से जानकारी लिए जाने पर पता लगा कि यह संख्या 3 लाख 27 हजार 645 है।
इनमें डुप्लीकेट आधार संख्या इंटर स्टेट 86 हजार 200, और इंट्रा स्टेट के 32 सौ 58 है। सदस्य जिनकी उम्र 100 साल से अधिक है उनकी संख्या 1806 है। 12 माह से राशन न उठाने वाले राशन कार्ड 93 हजार 263 है। 6 से 12 माह तक राशन न उठाने वाले कार्डधारी 37 हजार 461, 18 साल से कम उम्र वाले 67 और निष्क्रय आधार वालों की संख्या 1 लाख 5 हजार 590 है।
खाद्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राशन कार्डों की गड़बड़िया सामने आने के बाद प्रदेश से सभी जिलों में राशन कार्डों की जांच पड़ताल तेज कर दी गई है। संदिग्ध राशन कार्डों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।