गुरदासपुर में 450 लोगों का रेस्क्यू, लोगों को जवानों ने राहत कैंप में पहुंचाया

राष्ट्रीय

उत्तर भारत में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश से जहां पूरा पंजाब प्रभावित हुआ है। वहीं गुरदासपुर के हल्का डेरा बाबा नानक की रावी नदी में बाढ़ आने से भारत-पाक सीमा पर स्थित आखिरी गांव घनिएके बेट देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह कट गया।

रावी नदी के उस पार आखिरी गांव में लोग भी फंस गए थे, जिन्हें सेना के जवानों रेस्क्यू किया। करीब 450 लोगों को गांव से सुरक्षित निकाला गया, जिनमें छोटे-छोटे बच्चे भी शामिला है। देश का जवान एक बार फिर, देश और देश के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा नजर आया।

लोगों को जवानों ने राहत कैंप में पहुंचाया
अपनी जान जोखिम में डाल देश के जवानों ने (6/8 गोरखा राइफल) लेफ्टिनेंट कर्नल सतेंद्र सिंह की देखरेख में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और लोगों की जान बचाई। देर शाम तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगभग 450 पीड़ितों को सेना द्वारा 2 नावों में रावी नदी के पार सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।

दूसरी तरफ धूसी बन में उनके लिए एक राहत कैंप भी लगाया गया, जिसमें पीड़ितों के लिए चिकित्सा शिविर में भोजन, लंगर और रात में रहने की व्यवस्था भी की गई। अपने घरों को सुरक्षित लौटे अन्य लोगों ने भी सेना के जवानों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की और सेना की भावनाओं की प्रशंसा की।