छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जेल में रची गई जबलपुर में 15 करोड़ की डकैती की साजिश, मास्टरमाइंड गिरफ्तार

मध्य प्रदेश : जबलपुर में हुई 15 करोड़ रुपये की सनसनीखेज सोने की डकैती के तार छत्तीसगढ़ की रायगढ़ जेल से जुड़े होने का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि इस डकैती की साजिश रायगढ़ जेल की चारदीवारी के भीतर रची गई थीइस साजिश का मास्टरमाइंड रहीस लोधी था, जो एनडीपीएस एक्ट के तहत रायगढ़ में बंद थाउसने जेल में ही अपने गिरोह का गठन किया और जेल से रिहा होने के बाद इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया। इस मामले ने न केवल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि अपराधियों के जेल के भीतर संगठित होने की गंभीर समस्या को भी उजागर किया है। जबलपुर पुलिस की जांच में पता चला है कि रहीस लोधी ने रायगढ़ में रहते हुए अपने साथियों का चयन किया और एक सुनियोजित गिरोह तैयार किया। इस गिरोह में रायगढ़ के एक्सिस बैंक डकैती कांड (सितंबर 2023) के कुछ आरोपी भी शामिल थे, जो उस समय जेल में बंद थे। रहीस ने इन अपराधियों के साथ मिलकर जबलपुर में 15 करोड़ रुपये की सोने की डकैती की योजना बनाई। जेल से रिहा होने के बाद इस गिरोह ने इस साजिश को अंजाम दिया। पुलिस को शक है कि रायगढ़ बैंक डकैती के कुछ आरोपी भी इस लूट में शामिल थे, जिससे इस मामले में बिहार और झारखंड के अपराधी नेटवर्क से भी कनेक्शन सामने आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जेल में सितंबर 19, 2023 को हुई एक्सिस बैंक डकैती में 5 करोड़ 59 लाख रुपये की लूट हुई थी, जिसमें 4 करोड़ 19 लाख नकद और 1.40 करोड़ की ज्वेलरी शामिल थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बलरामपुर से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, जो झारखंड भागने की फिराक में थे। इस डकैती में बिहार के शेरघाटी गया गैंग के सदस्य शामिल थे, और पुलिस ने लूटी गई पूरी राशि और ज्वेलरी बरामद कर ली थी। जांच में सामने आया है कि रायगढ़ में बंद रहीस लोधी ने इसी डकैती के कुछ आरोपियों से संपर्क स्थापित किया और उनके साथ मिलकर जबलपुर डकैती की साजिश रची। इस मामले में रायगढ़ से रिहा हुए चार आरोपियों राकेश कुमार गुप्ता, उपेंद्र सिंह, निशांत सुंदरिका सिंह राजपूत, और निशांत उर्फ पंकज कुमार की भूमिका को भी पुलिस संदिग्ध मान रही है।

जबलपुर डकैती में 15 करोड़ रुपये का सोना लूटे जाने का अनुमान है। पुलिस ने अब मास्टरमाइंड रहीस लोधी समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन लूट की रकम काफी कम बरामद हुई। संभावना है कि बाकी रकम और सोना फरार आरोपियों के पास होपुलिस का मानना है कि इस गिरोह के तार बिहार और झारखंड के अपराधी नेटवर्क से जुड़े हैं, और कई अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं। मामले ने जेल की सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जेल के भीतर इतनी बड़ी आपराधिक साजिश का रचा जाना जेल प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। यह पहली बार नहीं है जब रायगढ़ जेल की व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी कई बार जेल के भीतर अनियमितताओं और लापरवाही की खबरें सामने आ चुकी हैं। यह खुलासा दर्शाता है कि जेलें, जो अपराधियों को सुधारने का स्थान मानी जाती हैं, कुछ मामलों में अपराध की फैक्ट्री बन रही हैं। जबलपुर और रायगढ़ पुलिस इस मामले में संयुक्त रूप से जांच कर रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *