संभल में भाईचारे की बेमिसाल तस्वीर…मुस्लिमों ने खुद 32 फीट पीछे शिफ्ट की मजार

उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं और कई मामलों में उन्हें सरकार की उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है. इन सबके बावजूद गंगा जमुनी तहजीब को बरकरार रखने, देश की शांति और तरक्की के लिए अद्भुत मिसाल पेश कर रहे हैं. इसी तरह का एक मामला संभल से सामने आया है. संभल जिले में एक मिसाल पेश करते हुए स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने आपसी सहयोग और शांति के साथ तरक्की को तरजीह दी है. बहजोई रोड पर स्थित याकूब अली शाह की मजार और पास की मस्जिद को अब 32 फीट पीछे शिफ्ट किया जा रहा है. प्रशासन की तरफ बताया जा रहा है कि यह मजार सरकारी सड़क पर बनी है. सरकार ने इस बहजोई रोड को चौड़ीकरण की योजना बनाई है. याकूब अली शाह की मजार सड़क चौड़ीकरण में बाधा बन रही थी. ऐसे में इन धार्मिक संरचनाओं को लेकर कोई विवाद न हो, इसलिए मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने खुद ही प्रशासन के नोटिस पर यह बड़ा कदम उठाया. जिसकी सभी संप्रदाय के लोग पुरजोर तारीफ कर रहे हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, याकूब अली शाह की मजार को क्रेन की मदद से लिफ्ट कर 32 फीट पीछे शिफ्ट कर दिया गया है. मजार को पीछे शिफ्ट करने के लिए मजदूर और एक्सपर्ट्स की टीम पिछले एक महीने से लगातार काम कर रही थी. शिफ्ट करने का काम अब सुरक्षित तरीके से पूरा कर लिया गया है. वहीं, मस्जिद को भी लिफ्ट करके पीछे ले जाने का काम जारी है, जिसका काम जारी है. यह मस्जिद और मजार दोनों चौड़ीकरण में रुकवाट बन रही थी. यह सरकारी सड़क के दायरे में आ रही थी. जिससे बहजोई रोड पर होने वाला सड़क चौड़ीकरण प्रभावित हो रहा था. मस्जिद और मजार को हटाने के लिए इंतजामिया को प्रशासन ने नोटिस भेजा था. नोटिस मिलते ही मस्जिद कमेटी और मजार इंताजामिया ने आगे बढ़कर काम शुरू करवा दिया.
इस पूरे कार्य में कोई विरोध या तनाव नहीं देखा गया, जिससे यह मामला गंगा-जमुनी तहज़ीब और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बन गया है. मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के एक सदस्य ने कहा, “हमने मिलकर फैसला किया कि विकास कार्यों में रुकावट नहीं आनी चाहिए. धर्म और देश की तरक्की साथ-साथ चल सकते हैं.”