वापस आऊँगा तब… कांग्रेसी साथियों द्वारा किए जा रही आलोचनाओं पर शशि थरूर

ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने और पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए विदेश गए कांग्रेस सांसद शशि थरूर के ऊपर उनकी पार्टी के ही नेता तंज कसरहे हैं। थरूर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका मकसद दुनिया के सामने भारत के पक्ष को रखना और आतंकवाद के मामले पर पाकिस्तान को बेनकाब करने पर है। इस मिशन को पूरा करने के बाद जब वह वापस हिन्दुस्तान लौटेंगे तो अपने साथियों से भी बात कर लेंगे।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद का दल कोलंबिया में मिली सफलता के बाद अब ब्राजील पहुंच गया है। इस यात्रा के दौरान दिए गए बयानों पर कांग्रेस साथियों द्वारा किए जा रहे कटाक्षों पर थरूर ने कहा, “मुझे लगता है कि यह समय अपने मिशन को पूरा करने पर लगाना चाहिए। मैं इस बात से पूरी तरह से सहमत हूं कि एक लोकतंत्र में आलोचना करने की आजादी सभी को है लेकिन मुझे लगता है कि इस समय हम उन पर ध्यान नहीं दे सकते, जब हम भारत वापस जाएंगे, तो हम वहां अपने सहकर्मियों, आलोचकों और मीडिया से बात करेंगे.. लेकिन फिलहाल हम अपने मिशन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।” पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद थरूर का झुकाव सरकार की तरफ दिखाई दिया था। यहां तक की जब पाकिस्तान के साथ सीजफायर की घोषणा हुई और कांग्रेस पार्टी ने इस पर सवाल उठाते हुए इंदिरा गांधी के नाम से कैंपेन शुरू किया तब भी थरूर ने पार्टी लाइन से अलग रुख अपनाते हुए इसे 1971 से अलग समय बताया और सीजफायर को लेकर सरकार की तारीफ भी की।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमडंल को विदेश भेजे जाने के मामले पर सरकार ने कांग्रेस से चार सांसदों के नाम देने के लिए कहा। कांग्रेस ने थरूर का नाम नहीं भेजा। हालांकि सरकार ने अपनी तरफ से थरूर को इस दल में न सिर्फ शामिल किया बल्कि अमेरिका जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी दिया। पार्टी की थरूर ने भी खुले मन से इस निंमंत्रण को स्वीकार किया। यहां तक कांग्रेस की तरफ से थरूर को लेकर ज्यादा कोई बयान बाजी नहीं हुई। लेकिन इसके बाद जब थरूर ने सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान देते हुए कहा कि 2016 के पहले ऐसी कोई स्ट्राइक नहीं हुई थी.. तो कांग्रेस पार्टी हमलावर हो गई।