स्पेस एजेंसियां अंतरिक्ष में पौधे उगाने का कर रही प्रयास…इसरो ने भी किया SpaDeX मिशन लॉन्च

अंतरिक्ष में जीवन की तलाश लंबे समय से जारी है. इसके बावजूद कई स्पेस एजेंसियां अंतरिक्ष में पौधे उगाने का प्रयास कर ही हैं, कुछ ने तो इसमें सफलता भी हासिल कर ली है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने भी SpaDeX मिशन लॉन्च किया था. इसके तहत दो स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी से 470 किमी ऊपर छोड़ा गया था. इस मिशन का उद्देश्य दो अंतरिक्ष यानों को आपस में जोड़ना यानी डॉकिंग करना था. इसरो ने कहा है कि उसने पहली बार अंतरिक्ष में जीवन अंकुरित करने में सफलता पाई है. मिशन के तहत इसरो ने PSLV-C60 POEM-4 पर लोबिया के बीज भी भेजे थे. इन बीजों को महज 4 दिन के अंदर अंकुरित करने में सफलता मिली है. इसरो ने कहा है कि जल्द ही इस पौधे में पत्तियां आने की उम्मीद है. अब सवाल यह है कि स्पेस में न तो हवा है, न ऑक्सीजन, न धूप और न ही पानी ऐसे में अंतरिक्ष में पौधे कैसे उगते हैं और उन पौधों को पानी कौन देता है?

स्पेस में किसी भी पौधे को उगाने के लिए खास तरह की पिलो डिजाइन की जाती है, यानी एक तरह का चैंबर. यह चैंबर पौधों की जड़ों तक पानी, पोषक तत्व, ऑक्सीजन और फर्टीलाइजर देने के लिए एलईडी लाइट और क्ले की मदद लेता है. इसके अलावा ग्रैविटी और सूर्य की रोशनी के लिए इन पौधों को आर्टिफिशियल न्यूट्रीएंट्स दिए जाते हैं. सूर्य की रोशनी की कमी को पूरा करने के लिए पौधों को अल्ट्रावॉयलेट रेज दी जाती हैं.

स्पेस में जीवन की तलाश कर रहे वैज्ञानिक वहां खेती पर भी लंबे समय से एक्सपेरीमेंट कर रहे हैं. इनमें चीन और अमेरिका सबसे आगे हैं. नासा ने अब तक स्पेस में हरी मिर्च, पालक, चीनी गोभी, सरसों के फूल उगाए हैं. अब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अगला टारगेट स्पेस में पालक उगाने का है. दअरसल, स्पेस में पौधे उगाने का मुख्य मकसद लंबे समय तक चलने वाले मिशनों के लिए खाने की जरूरत को पूरा करना है, जो एस्ट्रोनॉट्स लंबे समय तक स्पेस में काम करते हैं, उनके पास खाने की कमी हो सकती है. इसके अलावा स्पेस में पौधे उगने से यहां ऑक्सीजन भी पनप सकती है,

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