तमिल एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 40 की मौत, इनमें 16 महिलाएं, 10 बच्चे

तमिलनाडु के करूर में एक्टर विजय की रैली में शनिवार शाम को भगदड़ मच गई। CM स्टालिन के मुताबिक, हादसे में 40 लोगों की मौत हो गई। इनमें 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं। 51 लोग ICU में भर्ती हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। तमिलनाडु पुलिस के मुताबिक, विजय की रैली के लिए 10 हजार लोगों की परमिशन थी। लेकिन, 1 लाख 20 हजार स्क्वायर फीट एरिया में 50 हजार से ज्यादा लोग जमा हो गए। इस दौरान एक्टर 6 घंटे की देरी से पहुंचे। विजय को बताया गया कि 9 साल की एक बच्ची गुम हो गई थी। उन्होंने मंच से उसे तलाशने की अपील की, जिसके बाद वहां भगदड़ के हालात बन गए।
तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन ने रात को ही हाईलेवल मीटिंग ली और देर रात को ही करूर पहुचें। स्टालिन ने हॉस्पिटल जाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों से मुलाकात की है। उधर, गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी है। वहीं, घटना के बाद विजय घायलों से नहीं मिले। वे चार्टर्ड फ्लाइट से सीधे चेन्नई चले गए। हादसे के बाद एक्टर विजय करूर से सीधे त्रिची हवाई अड्डे पहुंचे और वहां से चेन्नई रवाना हो गए। वे न ही घायलों से मिले और न ही सार्वजनिक तौर पर कोई सांत्वना दी। हालांकि उन्होंने X पर लिखा- मेरा दिल टूट गया है। मैं बहुत दर्द और दुःख महसूस कर रहा हूं। मैं करूर में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायल लोगों के जल्दी ठीक होने की प्रार्थना करता हूं।
फिल्मी दुनिया के बड़े सितारे जब राजनेता बनते है तब भी उनके फैन्स उन्हें एक नायक के रूप में देखते है, रैली में अथाह भीड़ उमड़ती है और फिर होते है हादसे।तमिलनाडु के करूर में एक्टर विजय की रैली में भगदड़ मचने से 08 बच्चे, 19 महिलाओ समेत 38 की मौत हो गई है और सैकड़ों घायल है। रैली… pic.twitter.com/q24VhB9QvJ
— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) September 28, 2025
एक्टर विजय तय वक्त से करीब 6 घंटे की देरी से करूर पहुंचे, जिससे उन्हें देखने के लिए बहुत भारी भीड़ जमा हो गई। शाम 7.45 बजे के करीब कुछ लोग विजय की बस की तरफ बढ़ने लगे, जिससे भगदड़ के हालात बन गए। धक्का-मुक्की में कई लोग बेहोश हो गए। कई लोगों को गर्मी और भीड़ की वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लगी। भगदड़ में कई बच्चे परिवार से बिछड़ गए, कई भीड़ में दब गए, लोग उन्हें कुचलते चले गए। विजय के मंच के पास बढ़ती भीड़ को संभालने के लिए न पुलिस मौजूद थी, न वॉलंटियर्स। नतीजतन भीड़ बेकाबू हो गई। प्रशासन को 30 हजार लोगों के आने का अनुमान था, लेकिन 60 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे। दोगुनी भीड़ संभालने के इंतजाम नहीं थे।