कर्नाटक में गन्ना किसानों का आंदोलन हिंसक हुआ, 100 से ज्यादा ट्रैक्टर में आग लगाई
कर्नाटक के बागलकोट में गन्ना कीमत में इजाफे की मांग कर रहे किसानों का आंदोलन हिंसक हुआ। रबकवी-बनहट्टी तालुक में गोदावरी शुगर फैक्ट्री में गन्ना लदे 100 से ट्रैक्टरों को आग लगाई गई। SP ने बताया किसानों ने पत्थरबाजी भी की, जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों को चोट आई है। कुछ लोग भी घायल हुए हैं। खुद ने हालात काबू किए।।
किसान राज्य की चीनी मिलों से गन्ना की ₹3500 टन कीमत मांग रहे हैं। जबकि चीनी मिलों के मालिकों ने ₹3300 टन का भाव दिया है, लेकिन किसान इस कीमत को स्वीकार करने को राजी नहीं हैं। राज्य के कई जिलों में 7 नवंबर से गन्ना किसान बढ़ी हुई कीमत को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
किसान नेता सुभाष शिराबुर ने कहा कि आग किसानों ने नहीं लगाई। उनके मुताबिक,फैक्ट्री से जुड़े लोग पुलिस के सामने ही आगजनी कर रहे थे। हमारे लोग और कुछ पुलिसवाले भी घायल हुए हैं। पुलिस की गाड़ी पर भी हमला हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को बदनाम करने के लिए फैक्ट्री के अंदर आग लगाई गई।
इन दिनों गन्ना किसानों और सरकार के बीच रेट को लेकर टकराव जारी है। मुधोल के किसान 3,500 रुपए प्रति टन की मांग पर अड़े हैं। जबकि पिछले हफ्ते बेलगावी के किसानों ने 3,300 रुपए में सहमति जताई थी। इसी मुद्दे पर किसानों ने सड़कों पर ट्रैक्टर, बैलगाड़ी और ऑटो लेकर बड़ी रैली निकाली थी। 7 नवंबर से किसान बागलकोट, मुधोल और आसपास के इलाकों में रोड जाम और रैलियां कर रहे हैं। 13 नवंबर को उन्होंने गोदावरी (समीरवाड़ी) शुगर फैक्ट्री को घेर लिया था, तभी कुछ लोगों ने गन्ना लदे ट्रैक्टरों में आग लगा दी।
बेलगावी के किसान 3,300 रुपए प्रति टन के सरकारी रेट पर मान गए हैं, लेकिन बागलकोट और हावेरी के किसान अभी भी इसे गुमराह करने वाला बता रहे हैं। उनका कहना है कि रिकवरी के आधार पर रेट तय करना किसानों के लिए नुकसानदायक है। BJP और विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि सैकड़ों टन गन्ना और लाखों के ट्रैक्टर जलते हुए देखना दिल दहला देने वाला है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए किसानों को मुआवजा देने और CM से सीधे बातचीत की मांग की।
