भारतीय सेना पर टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार..जाने मामला

कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भारतीय सेना पर कथित टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार मिली है। यह मामला 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए उनके एक बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों की झड़प का जिक्र करते हुए कथित तौर पर कहा था कि “चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की पिटाई की थी।” इस बयान को लेकर सीमा सड़क संगठन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ की एक अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी से कड़े सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा, “आपको कैसे पता कि 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन ने कब्जा कर ली? क्या आप वहां थे? आपके पास कोई विश्वसनीय दस्तावेज है?” कोर्ट ने यह भी कहा, “अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसी बातें नहीं कहेंगे।” इसके साथ ही, कोर्ट ने राहुल गांधी को सलाह दी कि ऐसी बातें संसद में कहें, न कि सोशल मीडिया पर।
यह विवाद 9 दिसंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प से जुड़ा है। राहुल गांधी ने 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राजस्थान में अपने बयान में दावा किया था कि चीन ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और भारतीय सैनिकों की पिटाई की। इस बयान को सेना की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला माना गया, जिसके बाद उदय शंकर श्रीवास्तव ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया। शिकायतकर्ता का कहना है कि राहुल के बयान से सैनिकों का मनोबल गिर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए लखनऊ की निचली अदालत द्वारा जारी समन पर रोक लगा दी और उत्तर प्रदेश सरकार तथा शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी। इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मई 2025 में राहुल की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने समन रद्द करने की मांग की थी। इससे पहले, 15 जुलाई 2025 को लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी ने आत्मसमर्पण किया था और उन्हें 20-20 हजार रुपये के दो जमानत बांड पर जमानत मिली थी। राहुल ने इस मामले में पांच बार कोर्ट में पेश होने के समन को नजरअंदाज किया था, लेकिन छठे समन पर वह कोर्ट में हाजिर हुए।