थाईलैंड की PM पैटोंगटार्न शिनावात्रा को कोर्ट ने पद से किया बर्खास्त, एक साल में ही चली गई कुर्सी

थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा को संवैधानिक कोर्ट ने कल शुक्रवार को आचार संहिता उल्लंघन करने का दोषी पाया और पद से बर्खास्त कर दिया है. वह महज एक साल ही सत्ता में रहीं और अब उन्हें अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ रही है. कोर्ट के इस फैसले से थाईलैंड में राजनीतिक संकट गहरा सकता है. यह फैसला शिनावात्रा परिवार की राजनीतिक विरासत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. यह परिवार बीते दो दशकों से कोर्ट और सेना के बीच सत्ता संघर्ष में उलझा हुआ है. पड़ोसी मुल्क कंबोडिया के साथ जब सीमा विवाद को लेकर तनाव चरम पर था तो पैटोंगटार्न की कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन के बीच फोन पर हुई बातचीत की लीक हो गई थी. इस लीक कॉल में पैटोंगटार्न कंबोडिया के नेता को ‘अंकल’ कहकर संबोधित की थी और उनके अनुरोधों पर विचार करने को कहा था. साथ ही पैटोंगटार्न ने सेना की एक वरिष्ठ अधिकारी की आलोचना की, जिसके बाद आरोप लगे कि उन्होंने राष्ट्रीय हितों को दरकिनार किया.
कोर्ट ने यह फैसला छह-तीन के बहुमत से सुनाया और कहा कि पैटोंगटार्न ने निजी रिश्तों को तर्जी देते हुए राष्ट्रीय हितों और थाईलैंड के छवि को बड़ा नुक़सान पहुंचाया है. कोर्ट ने कहा कि उनकी कंबोडिया के निजी रिश्तों की वजह से ऐसा कई बार लगा कि वह उस पक्ष के अनुसार कार्य करने को तैयार दिखीं. पैटोंगटार्न शिनावात्रा के बर्खास्तगी के बाद थाईलैंड में राजनीति संकट खड़ा होता नजर आ रहा है. कोर्ट के इस फैसले के बाद संसद को नए प्रधानमंत्री का चुनाव करवाना होगा. लेकिन ये चुनावी प्रक्रिया लंबी खींच सकती है. पैटोंगटार्न की सत्तारूढ़ पार्टी अब नाज़ुक बहुमत के साथ गठबंधन बचाने की चुनौती का सामना कर रही है.
कोर्ट के फैसले के बाद पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने लीक कॉल के लिए माफी मांगी और कहा कि उनका उद्देश्य महज युद्ध टालने की थी. पैटोंगटार्न शिनावात्रा पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की बेटी हैं. जो अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री बनीं थी और अब एक साल बाद ही कुर्सी गंवानी भी पड़ी.