‘अगर फेल हुई ट्रंप-पुतिन की बातचीत तो भारत पर लगाएंगे ज्यादा टैरिफ…’, अमेरिका की नई धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को अलास्का में होने वाली अहम मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं. लेकिन अमेरिका ने इस मुलाकात को भी भारत और टैरिफ वॉर से जोड़ दिया है. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने धमकी दी है कि अगर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ ट्रंप की बातचीत फेल होती है तो अमेरिका, भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगा देगा. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ होने वाली बैठक के नतीजों के आधार पर वॉशिंगटन, भारत पर सेकंडरी टैरिफ और बढ़ा सकता है. बेसेंट ने बुधवार को ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा, ‘हमने रूसी तेल ख़रीदने पर भारत पर पहले ही सेकंडरी टैरिफ लगा दिए हैं. अगर हालात ठीक नहीं रहे, तो प्रतिबंध या सेकंडरी टैरिफ बढ़ाए जा सकते हैं.’

इस महीने की शुरुआत में ट्रंप ने रूस से तेल और हथियार खरीदने पर भारत पर मौजूदा 25 फीसदी टैरिफ के अलावा 25 फीसदी जुर्माना भी लगाया था, जो 27 अगस्त से लागू हो सकता है. इस तरह अमेरिका की तरफ से सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों की लिस्ट में अब भारत भी शामिल हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप आरोप लगा चुके हैं कि रूस से भारत कच्चा तेल खरीदकर उसे ग्लोबल मार्केट में ऊंचे दामों में बेचता है और भारी मुनाफा कमाता है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि रूस के साथ तेल खरीद से भारत, यूक्रेन के खिलाफ चल रही जंग में फंडिंग कर रहा है. हालांकि भारत की तरफ से इसका तीखा जवाब दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भारत को रूस से तेल खरीद के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद परंपरागत सप्लायर्स ने अपनी सप्लाई यूरोप को देना शुरू कर दिया. उस समय अमेरिका ने खुद ऐसे कदम उठाने के लिए भारत को प्रोत्साहित किया था, ताकि ग्लोबल एनर्जी मार्केट स्थिर रह सके.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत का ये आयात भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ती और स्थिर ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है. ये कोई ऑप्शन नहीं, बल्कि ग्लोबल मार्केट की मजबूरी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हैरानी की बात ये है कि जो देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, वही खुद भी रूस से कारोबार कर रहे हैं. रूस-यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने के मकसद राष्ट्रपति ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे. ट्रंप ने कहा है कि अगर पुतिन के साथ उनकी बातचीत अच्छी रही तो वह दूसरे दौर की बैठक भी करेंगे. उन्होंने कहा कि पुतिन से पहली मीटिंग के तुरंत बाद ही यह दूसरी बैठक होगी. लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी इस दूसरी मीटिंग का हिस्सा होंगे. हालांकि पुतिन अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं और जेलेंस्की के साथ किसी भी तरह की बातचीत से साफ इनकार करते आए हैं. ऐसे में अलास्का में होने जा रही दोनों नेताओं की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.

ट्रंप अलास्का में होने वाली इस अहम मुलाकात से पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन को धमकी दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि अगर रूस, यूक्रेन के साथ शांति वार्ता में रुकावट डालने की कोशिश करता है तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. ट्रंप ने कहा कि अगर अलास्का में होने वाली बैठक के कोई ठोस नतीजे नहीं निकलते तो अमेरिका, मॉस्को के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा. हालांकि, ट्रंप ने यह साफ नहीं किया कि वह रूस पर प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं या फिर सख्त कदम किसी और दिशा में होंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *