ट्रम्प की टैरिफ बढ़ाने की धमकी पर भारत बोला, अमेरिका भी तो रूस से यूरेनियम-खाद ले रहा

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोमवार को भारत पर ‘और ज्यादा टैरिफ’ लगाने की धमकी दी जिसके बाद भारत ने पहली बार अमेरिका का नाम लेकर खुलकर जवाब दिया। डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा था कि भारत को परवाह नहीं है कि रूस के हमले में कितने लोग मारे जा रहे हैं। इसलिए, मैं भारत पर टैरिफ को बढ़ाने जा रहा हूं। इसके जवाब में भारत ने रूस से अमेरिका और यूरोपीय यूनियन (EU) को होने वाले निर्यात का आंकड़ा जारी कर कहा – अमेरिका अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, ईवी उद्योग के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायन का आयात जारी रखे हुए है। यही हाल EU का है। ऐसे में भारत को निशाना बनाना अनुचित और तर्कहीन है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत को निशाना बनाना गलत है। हम अपने राष्ट्रीय हितों के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।

भारत के बयान – यूक्रेन संघर्ष के बाद अमेरिका ने ग्लोबल एनर्जी मार्केट की स्थिरता को मजबूत करने के लिए रूस से भारत के तेल आयात को प्रोत्साहित किया था। भारत के आयात का मकसद भारतीय उपभोक्ताओं के लिए किफायती ऊर्जा मुहैया कराना है। भारत की आलोचना करने वाले वही देश खुद रूस के साथ व्यापार में कर रहे हैं।
2024 में यूरोपीय संघ का रूस के साथ वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 67.5 बिलियन यूरो था। यह रूस के साथ भारत के कुल व्यापार से काफी अधिक है। यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात, मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं।
जहां तक अमेरिका का सवाल है वो खुद अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायनों का आयात कर रहा है। इस लिहाज से भारत को निशाना बनाना गलत है। भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।
इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने भी एक कार्यक्रम में कहा कि दुनिया की व्यवस्था में अब किसी एक का दबदबा नहीं चलेगा।

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