केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने 31 माओवादियों को मार गिराने पर सुरक्षा बलों की सराहना की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के कर्रेगुट्टा हिल्स में एक बड़े ऑपरेशन में 31 माओवादियों को मार गिराने के लिए सुरक्षा बलों की प्रशंसा की। उन्होंने इस ऑपरेशन को देश में माओवाद के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया। शाह ने 31 मार्च 2026 तक भारत को माओवाद-मुक्त बनाने के सरकार के लक्ष्य की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने अब तक का सबसे बड़ा नक्सल-विरोधी मिशन चलाया है, जिसमें शीर्ष माओवादी तत्वों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया है।
एक्स पर एक पोस्ट में शाह ने कहा कि मुठभेड़ छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कुर्रागुट्टालू पहाड़ी पर हुई यह इलाका कभी माओवादियों का गढ़ हुआ करता था, जहाँ पीएलजीए बटालियन 1, डीकेएसजेडसी, टीएससी और सीआरसी जैसे प्रमुख संगठन हुआ करते थे। ये समूह इस जगह का इस्तेमाल प्रशिक्षण, हथियार विकास और रणनीति योजना के लिए करते थे। शाह ने कहा कि भारतीय तिरंगा अब उस भूमि पर भी फहरा रहा है जो कभी माओवादियों के नियंत्रण में थी।
#NaxalFreeBharat के संकल्प में एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के विरुद्ध अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कुर्रगुट्टालू पहाड़ (KGH) पर 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया।
जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहाँ आज शान से…
— Amit Shah (@AmitShah) May 14, 2025
उन्होंने लिखा, “मैं कठिन मौसम और दुर्गम इलाकों में अपनी बहादुरी के लिए सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों को सलाम करता हूं। राष्ट्र को आपके साहस पर गर्व है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नक्सलवाद को खत्म करने की लड़ाई पूरी ताकत से जारी रहेगी। अधिकारियों ने बताया कि एक महीने तक चला यह अभियान बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में चलाया गया। इसमें 31 माओवादी मारे गये, जिनमें 17 महिलाएं और 14 पुरुष शामिल थे। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं और सैनिक सुरक्षित लौट आए हैं।
अठारह सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनमें से आठ आईईडी विस्फोटों में घायल हुए। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सभी घायल सैनिकों की हालत स्थिर है। त्वरित निकासी से समय पर चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित हुई। इस मिशन में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, विशेष कार्य बल (एसटीएफ), राज्य पुलिस, सीआरपीएफ और इसकी विशिष्ट कोबरा इकाई के लगभग 10,000 जवान शामिल थे। तेलंगाना पुलिस ने भी महत्वपूर्ण सहयोगी भूमिका निभाई।
अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि यह अभियान माओवादी हिंसा को समाप्त करने के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए निरंतर प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला।