वेस्टर्न रेलवे की अनोखी पहल, बिजली आपूर्ति के लिए इन स्टेशनों के बीच लगाईं पवन चक्की

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देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सबसे ज्यादा बिजली का इस्तेमाल होता है. मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनें भी बिजली से ही चलती हैं. ऐसे में अब वेस्टर्न रेलवे द्वारा मुंबई के खार रेलवे स्टेशन और नायगांव रेलवे स्टेशन के पास शहर में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की कोशिश की गई है. पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) की ओर से पहली बार पवन ऊर्जा के माध्यम से बिजली पैदा करने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए खार और नायगांव रेलवे स्टेशनों के पास मिनी पवन चक्कियां स्थापित की गई हैं.

यह पवन चक्कियां नीले और सफेद रंग के ब्लैड वाले पांच वर्टिकल पिलर पर लगाई गई हैं. जब कोई ट्रेन गुजरती है, तो ये ब्लैड रोटर शाफ्ट के माध्यम से चलने लगते हैं जो पवन ऊर्जा पैदा करने के लिए तांबे की प्लेटों और अन्य धातुओं के साथ जोड़े जाते हैं. ये मिनी पवन चक्कियां 1 किलोवाट से 10 किलोवाट के बीच बिजली पैदा कर सकती हैं. यदि ये सफल होते हैं, तो आगे आने वाले दिन में इन पवन चक्कियों को और अधिक स्थानों पर स्थापित किया जा सकता है. इस हरित ऊर्जा को मुख्य ग्रिड में प्रेषित किया जा सकता है.

बता दें कि देश के कई राज्यों में प्रदूषण बड़ी समस्या है. कई ऐसे शहर हैं, जहां सांस लेना भी मुस्किल है. वहीं, प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार कोशिश जारी है. पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने के लिए अलग-अलग कार्य भी किए जा रहे हैं. वहीं, देश में कुछ वर्षों में सोलर एनर्जी का इस्तेमाल काफी हद तक बढ़ा है. सोलर के इस्तेमाल से पर्यावरण को भी हानि नहीं पहुंचती है. अब पर्यावरण के हित को देखते हुए वेस्टर्न रेलवे द्वारा ये कदम उठाया गया है.