उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बीते 14 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. लेकिन बचाव कार्य की राह में बार-बार अड़चने आने की वजह से रेस्क्यू टीमें अब तक मजदूरों तक पहुंचने में सफल नहीं हो सकी हैं. अब मजदूरों के लिए सुरंग में टेलीफोन पहुंचाने की तैयारी चल रही है.
बीएसएनएल ने कम्युनिकेशन केबल बिछाना शुरू कर दिया है. छोटे साइज का फोन कनेक्ट करके 6 इंच चौड़ी पाइप के जरिए मजदूर तक भेजा जाएगा, ताकि वह अपने परिवार वालों से बात कर सकें. कम्युनिकेशन केबल को गुफा के मुहाने से होते हुए सुरंग के भीतर बिछाया जा रहा है.
गुरुवार रात तक टनल में 48 मीटर तक होरिजेंटल ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी. फिर ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी आ गई. इसे ठीक करने के बाद शुक्रवार शाम को दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई, लेकिन एक बार फिर लोहे की जाल ऑगर मशीन के सामने आ गई. मशीन के ब्लेड में यह जाल उलझ गई, जिससे ड्रिलिंग बंद करनी पड़ी. आज ऑगर मशीन के ब्लेड को काफी मशक्कत के बाद ड्रिलिंग से बाहर निकाल लिया गया. अब विशेषज्ञ बाकी बचे 12 से 14 मीटर की दूरी को मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए पूरा करने के बारे में सोच रहे हैं. इसके अलावा वर्टिकल ड्रिलिंग का विकल्प भी खुला रखा गया है