तस्करी के लिए तैयार कराया गया पानी का टैंकर, नदी में बहाई कीमती लकड़ी

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साउथ सुपरस्टार अल्लु अर्जुन को फिल्म ‘पुष्पा’ में जिस तरह से चंदन की तस्करी करते हुए दिखाया गया है, कुछ उसी तरह जंगल से कीमती लकड़ी और मादक पदार्थों की तस्करी करने के दो मामले सामने आए हैं. एक मामले में पानी के टैंकर में जगह बनाकर मादक पदार्थ की स्मगलिंग की जा रही थी. दूसरे मामले में कीमती सागौन की लकड़ी को नदी में बहाकर ले जाया जा रहा था.

पहला मामला मध्य प्रदेश के मंदसौर का है. यहां पुलिस ने पानी के टैंकर के जरिए डोडा-चूरा की तस्करी करने वालों को गिरफ्त में लिया है. पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि नाटाराम कयामपुर से होते हुए कुंताखेड़ी की ओर एक पानी का टैंकर जा रहा है जिसमें डोडाचूरा भरा हुआ है. पुलिस ने टिप के आधार पर टैंकर सहित आरोपियों को पकड़ा. पूछताछ में आरोपी मुबारिक ने बताया कि वह कुन्ताखेड़ी में रहने वाले दशरथ पिता भेरूलाल गुर्जर को डोडाचूरा देने जा रहा था.

दशरथ ने ही स्पेशल पानी का टैंकर तैयार करवाया था. टैंकर के अंदर डोडा-चूरा की तस्करी करने के लिए दो चैंबर बनवाए गए थे. एक हिस्से में पानी और दूसरे हिस्से में डोडाचूरा के लिए जगह बनाई गई है. टैंकर के पीछे एक पानी की नल भी लगाया गया था जिससे किसी को शक नहीं हो. नल के पानी निकलने की व्यवस्था भी की गई थी.

स्मगलिंग के लिए 'Pushpa' फिल्म की टेक्निक का यूज, बनवाया खास टैंकर, नदी में बहाई  कीमती लकड़ी - Pushpa film technique use for smuggling in Madhya Pradesh LCL  - AajTak

4.50 लाख का डोडा-चूरा जब्त

पुलिस ने आरोपी से 3 क्विंटल डोडाचूरा जब्त किया गया. जब्त किए गए माल की कीमत 4.50 लाख बताई गई है. वहीं, 12 लाख की कीमत का ट्रैक्टर और टैंकर भी जब्त किया है. आरोपीयों के खिलाफ मंदसौर के थाना सीतामऊ में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस मुबारिक के अन्य साथियों की तलाश कर रही है.

सागौन की नदी के जरिए तस्करी

दूसरा मामला भी मध्य प्रदेश के ही नरसिंहपुर जिले का है. यहां पुलिस को नदी में सागौन की लकड़ी के गठ्ठे मिले हैं. जंगल से सागौन की लकड़ी काटकर तस्करी करने का नया तरीका निकाला है. बारिश के मौसम चल रहा है तो अवैध कटाई करने वालों ने सागौन की लकड़ी काटकर बरांझ नदी में बहा दी. आलनपुर बीट नरसिंहपुर और सागर जिले की वनसीमा से लगी हैं. बरांझ नदी यहीं से होकर बहती है. नदी में बहते मिले गठ्ठों को वन कर्मियों ने अपने कब्जे में लिया और 52 गठ्ठों को एक ग्रामीण के घर में रखवा दिया और इसकी सूचना अपने अधिकारी को नहीं दी.

फिर नरसिंहपुर जिले के डीएफओ पीडी ग्रेबियल को इसकी जानकारी मिली. डीएमओ के आदेश पर उड़नदस्ता टीम ने दबिश देकर ग्रामीण के घर छुपाकर रखी गई लकड़ी बरामद की.

कर्मचारी की मिलीभगत

डीएफओ का कहना है कि इस मामले में हमारे किसी कर्मचारी के मिले होने की जानकारी भी सामने आई है. मामले में जांच की जा रही है. कर्मचारी की मिलीभगत सामने आती है तो उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा. फिलहाल मामले में पंचनामा बनाते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है.