दुनिया की टॉप 100 हथियार कंपनियों की कमाई 5.9% बढ़ी, भारत की तीन कंपनियों का भी उछाल

दुनिया की शीर्ष 100 हथियार बनाने वाली कंपनियों की कमाई पिछले साल 5.9% बढ़कर 679 अरब डॉलर हो गई। इस बढ़ोतरी की वजह यूक्रेन और गाजा युद्ध, बढ़ता तनाव और कई देशों में बढ़ता सैन्य खर्च है। यह आंकड़े स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की नई रिपोर्ट में जारी किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में शामिल भारत की तीन कंपनियोंहिंदुस्तान एरोनॉटिक्स (HAL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) और मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL)की संयुक्त कमाई 8.2% बढ़कर 7.5 अरब डॉलर हो गई। इन कंपनियों को यह बढ़त घरेलू रक्षा ऑर्डर्स की वजह से मिली।

SIPRI ने इस रिपोर्ट के साथ दुनिया की टॉप 100 आर्म्सप्रोड्यूसिंग कंपनियों की सूची भी जारी की। इसमें HAL 44वें, BEL 58वें और MDL 91वें स्थान पर हैं। SIPRI के अनुसार, दुनिया की टॉप 5 हथियार कंपनियांलॉकहीड मार्टिन, RTX, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन, BAE सिस्टम्स और जनरल डायनेमिक्ससभी ने अपनी कमाई बढ़ाई। इनमें चार कंपनियां अमेरिका की हैं और एक ब्रिटेन की।

अमेरिका की कंपनियों की संयुक्त कमाई 2024 में 3.8% बढ़कर 334 अरब डॉलर पहुंच गई। 39 में से 30 अमेरिकी कंपनियों ने अपनी कमाई बढ़ाई। हालांकि, F-35 जेट, कोलंबिया क्लास पनडुब्बी और ICBM प्रोग्राम जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट अब भी देरी और बजट बढ़ने की समस्या से जूझ रहे हैं।

SIPRI ने कहा कि बढ़ती मांग को देखते हुए कई हथियार कंपनियों ने प्रोडक्शन लाइन बढ़ाई, नई फैक्ट्रियां खोलीं और अन्य कंपनियों का अधिग्रहण किया है।

यूरोप की 26 कंपनियों में से 23 की कमाई बढ़ी। उनकी कुल कमाई 13% बढ़कर 151 अरब डॉलर हो गई। यह बढ़ोतरी रूस के खतरे और यूक्रेन युद्ध में हथियारों की मांग के कारण हुई।रूस की दो कंपनियोंरोस्टेक और यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशनकी कमाई भी 23% बढ़कर 31.2 अरब डॉलर हो गई, जबकि वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और पुर्जों की कमी से जूझ रही हैं। मध्य पूर्व की 9 कंपनियां पहली बार टॉप 100 में शामिल हुईं। उनकी संयुक्त कमाई 31 अरब डॉलर रही। वहीं, इजरायल की तीन कंपनियों की कमाई 16% बढ़कर 16.2 अरब डॉलर हो गई।अमेरिकी कंपनी SpaceX भी पहली बार इस सूची में आई, जिसकी सैन्य कमाई दोगुने से ज्यादा बढ़कर 1.8 अरब डॉलर हो गई।

SIPRI ने बताया कि आर्म्स रेवेन्यूका मतलब सैन्य सामान और सेवाओं की बिक्री से हुई कमाई है।यह रिपोर्ट 2026 के लिए आने वाले SIPRI Yearbook का पहला हिस्सा है। आगे यह संस्थान 2025 के वैश्विक हथियारों के आयात-निर्यात और सैन्य खर्च के आंकड़े जारी करेगा।

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