पुर्तगाल से अरबों का खजाना भारत ला रहे जहाज का मलबा 500 साल बाद मिला, दुनिया हैरान

अफ्रीका के रेगिस्तान में पांच शताब्दियों तक खोए रहे खजाने से भरे जहाज का मिलना हालिया वर्षों की सबसे रोमांचक पुरातात्विक खोजों में मानी जाती है। यह एक पुर्तगाली जहाज बोम जीसस (द गुड जीसस) था, जो 7 मार्च, 1533 को पुर्तगाल के लिस्बन से भारत के लिए रवाना हुआ था। यह रास्ते में समुद्र में गायब हो गया और साल 2008 तक इसकी कोई जानकारी नहीं थी। आखिरकार 2008 में इसका मलबा नामीबिया के रेगिस्तान में हीरा खनन के दौरान मिला। बोम जीसस पुर्तगाल से सोने और तांबे की सिल्लियों लेकर भारत के लिए निकला था। बोम जीसस के मलबे से दो हजार शुद्ध सोने के सिक्के और हजारों पाउंड तांबे की सिल्लियां सुरक्षित मिली हैं। अनुमान है कि बोम जीसस नामीबिया के तट पर आए तूफान में किनारे के बहुत पास आने से डूबा। जहाज का पतवार चट्टान से टकराकर झुका और जहाज पलट गया। सैकड़ों वर्षों बाद तटरेखा का पानी कम हुआ तो बोम जीसस रेगिस्तान में दिखा। इस पुर्तगाली जहाज का मलबा जिस स्थिति में मिला, उससे एक्सपर्ट अंदाजा लगाते हैं कि यह किसी भयानक तूफान की चपेट में आकर डूबा होगा। घटनास्थल पर मानव अवशेषों के ना होने पता चलता है कि जहाज पर सवार चालक दल के सदस्य या तो मलबे में दबे और बच गए या समुद्र में ही मारे गए। उनके शरीर के अवशेष जहाज के पास नहीं थे। दक्षिणी अफ्रीका समुद्री पुरातत्व अनुसंधान संस्थान के डॉक्टर नोली का कहना है कि यह तटरेखा तूफानों के लिए कुख्यात है। ऐसे में यहां जहाज का मलबा मिलना कोई आश्चर्य की बात नहीं थी। आश्चर्य खुदाई के बाद सोने का बड़ा जखीरा मिलना है। सिक्कों की जांच से पता चला कि यह पुर्तगाली जहाज था, जो 1533 में भारत जाते हुए गायब हो गया था।

नोली ने बताया कि यह जहाज से कांसे के कटोरे और धातु के खंभे मिले। नोली की टीम को करीब पांच सौ साल पुरानी बंदूक भी मिली। इसके अलावा चांदी के सिक्के, कम्पास, तलवारें, खगोलीय उपकरण, तोपें और एक टाइम कैप्सूल मिला। मलबे के आधार पर नोली का मानना है कि जहाज पुर्तगाल के लिस्बन स्थित अपने बंदरगाह से पश्चिमी भारत की ओर जा रहा थाबोम जीसस अफ्रीका के पश्चिमी तट पर खोजा गया अब तक का सबसे पुराना और सबसे मूल्यवान जहाज का मलबा हैयह जहाज स्परगेबिएट यानी एक निषिद्ध क्षेत्र में मिलासैकड़ों जर्मन खोजकर्ता हीरे की तलाश में यहां आए हैंहीरा कंपनी डीबियर्स और नामीबियाई सरकार इस क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान चला रही हैंयहां लोगों की उपस्थिति काफी सीमित है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *