सीरियल नं-1 वालों को बना दिया ‘वोटकटवा’, राहुल गांधी ने कहा – सॉफ्टवेयर से हो रही ‘वोट चोरी’

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज  ‘वोट चोरी’ खुलासे में चुनाव आयोग पर कुछ बहुत गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने अपने कथित हाइड्रोजन बम जैसे धमाकेदार खुलासे में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर ऐसी गड़बड़ी करने वालों का बचाने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि यहां ‘किसी ने’ ने 6018 लोगों का नाम वोटर लिस्ट से डिलीट करने की कोशिश की और पकड़ा गया. राहुल गांधी ने कहा कि उनके पास 101 प्रतिशत सबूत है कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं. राहुल ने कहा कि ये वोट ऐसे लोगों के थे जो कांग्रेस को वोट देने जा रहे थे. ये वोट आदिवासियों के थे, गरीबों के थे. राहुल ने कहा कि अलंद में वोटों की चोरी इत्तेफाक से डिलीट किए गए थे. जिसे एक BLO ने पकड़ा. क्योंकि BLO के रिश्तेदार का वोट डिलीट किया गया था. जब इस BLO ने पता किया तो जानकारी सामने आई कि उसके पड़ोसी के कहने पर उसका नाम डिलीट गया. लेकिन जब उसके पड़ोसी से इन बातों को पूछा गया तो उसने इनकार किया. इसके बाद BLO ने जांच शुरू की तो ये मामला सामने आया. राहुल ने कहा कि वोटर लिस्ट से नामों को डिलीट सेट्रलाइज्ड तरीके से किया गया. और नामों को डिलीट करने के लिए व्यक्ति का नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया. राहुल ने उदाहरण देते हुए कहा, “इन सीरियल नंबर को देखिए, हर जगह सीरियल नंबर वन है, सीरियल नंबर वन. सीरियल नंबर वन का मतलब यह है कि ये बूथ का पहला वोटर है. एक सॉफ्टवेयर बूथ के पहले नंबर के वोटर को चुन रहा है. जो भी वोटर लिस्ट में पहले नंबर पर आता है वही डिलीट कर रहा है. ये सॉफ्टवेयर से किया जा रहा है, सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कह रहा है कि सीरियल नंबर 1 को निकालो और उसकी ओर से डिलीट करो.”

राहुल ने कहा कि, “ये प्लान था और ये सेंट्रलाइज्ड तरीके से किया जा रहा है. किसी ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जिसने तय किया कि हर बूथ का पहला वोटर नाम डिलीट करने के लिए आवेदक था.” आरोप है कि इसी व्यक्ति को राज्य से बाहर का सेलफोन नंबर मिला, जिसके जरिये वोट डिलीशन का आवेदन फाइल किया गया. ये किसी निचले स्तर पर नहीं किया गया, बल्कि इसे कॉल सेंटर पर किया गया. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन लोगों को मंच पर बुलाया जिन्हें कथित तौर पर वोट डिलीशन का आवेदक बनाया गया था. लेकिन उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी. राहुल ने कहा कि जिन बूथों पर डिलीशन हुआ वो कांग्रेस वोट के मजबूत केंद्र थे. राहुल गांधी ने कहा कि ये 2023 के विधानसभा चुनाव के उदाहरण हैं.

राहुल ने कहा कि कर्नाटक में इस मामले पर लगातार जांच चल रही है. 18 महीने में 18 चिट्ठियां राज्य CID ने चुनाव आयोग को भेजी हैं. और चुनाव आयोग से कुछ सवाल पूछे हैं. जैसे कि जिन डेस्टिनेशन IP के जरिये ये फॉर्म्स भरे गए हैं उनकी जानकारी दीजिए. डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट्स की जानकारी दीजिए जहां से ये आवेदन भरे गए थे. और सबसे जरूरी हमें OTP ट्रेल के बारे में बताइए क्योंकि जब आप फॉर्म्स भरते हैं तो आपको OTP मिलता है.18 महीनों में कर्नाटक CID ने 18 चिट्ठियां चुनाव आयोग को पूछा है लेकिन चुनाव आयोग इसकी जानकारी नहीं दी है. क्योंकि इससे इस पूरे मामले का भांडाफोड़ हो जाएगा.

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