पप्पू यादव को इनकम टैक्स ने भेजा नोटिस, बाढ़ पीड़ितों को पैसे बांटने का मामला
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को खुलेआम पैसा बांटना महंगा पड़ गया. राज्य में आचार संहिता लागू होने के बावजूद उन्होंने लोगों के बीच जाकर नगद रूपये बांटे थे, जिसके बाद उन्हें आयकर विभाग ने नोटिस भेज दिया. उन्होंने खुद एक्स हेंडल पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. साथ ही उन्होंने लिखा- यदि बाढ़ पीड़ितों की मदद करना अपराध है, तो मैं यह अपराध सदैव करूंगा.
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में अक्टूबर महीने की शुरुआत में उनके खिलाफ चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था. दरअसल, वैशाली के गणियारी गांव में नदी के किनारे लगातार हो रहे कटाव के कारण दर्जनों परिवार बेघर हो गए थे. तब वहां पप्पू यादव ने मौके पर पहुंचकर इन बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं सुनीं और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की था. उन्होंने बताया कि लगभग 80 प्रभावित परिवारों को मदद के तौर पर करीब 5 लाख रुपये नकद वितरित किए गए हैं. जिसके बाद चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था. चुनाव आयोग के सख्त नियमों के अनुसार, आचार संहिता लागू रहने पर कोई भी राजनेता या जनप्रतिनिधि सार्वजनिक रूप से नकद राशि, उपहार या किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं दे सकता. ऐसा करना मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास माना जाता है.
मुझे इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, बाढ़ पीड़ितों की मदद में रु बांटने को अपराध बताया है। यह अपराध है तो मैं हर वंचित पीड़ित की सहायता का अपराध सदैव करता रहूंगा!
वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत अंतर्गत मनियारी गांव के बाढ़ पीड़ितों जिनका घर-द्वार सब गंगाजी में विलीन हो गया,… pic.twitter.com/Om0mN2WBTT
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) October 25, 2025
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने अपने एक्स हेंडल पर पोस्ट कर आयकर विभाग का नोटिस मिलने की जानकारी दी है. उन्होंने लिखा कि- “मुझे इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, बाढ़ पीड़ितों की मदद में रु बांटने को अपराध बताया है. यह अपराध है तो मैं हर वंचित पीड़ित की सहायता का अपराध सदैव करता रहूंगा! वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत अंतर्गत मनियारी गांव के बाढ़ पीड़ितों जिनका घर-द्वार सब गंगाजी में विलीन हो गया, उनका मदद न करता तो क्या गृह राज्य मंत्री, स्थानीय MP जैसे स्वघोषित CM उम्मीदवारों की तरह मूकदर्शक बना रहता?”
