नॉर्थ कोरिया में क्यों खत्म हो गया कागज? बैंक नोट और अखबार छापने के लिए भी नहीं बचे पेपर
नॉर्थ कोरिया सालों से कागज की कमी से जूझ रहा है अब वहां कागज खत्म होने के कागार पर पहुंच गया है. क्योंकि इस देश पर कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हुए हैं. वैश्विक स्तर पर नॉर्थ कोरिया एकदम से अलग-थलग राष्ट्र है. यही वजह है कि यहां पर्याप्त तकनीक, कच्चे माल और औद्योगिक विकास की कमी है. इस वजह से यहां पेपर की कमी होती जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, अब नॉर्थ कोरिया में कागज खत्म हो गया है. किम ने क्षेत्रीय अधिकारियों को चेतावनी दी है कि उन्हें देश भर में कागज निर्माण के लिए कारखाने बनाने होंगे. क्योंकि देश में कागज की भारी कमी हो गई है. इस कारण उनकी प्रचार शाखा ने अपनी छपाई कम कर दी है और सरकार के पास बैंक नोट खत्म हो गए हैं.
उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन ने अपने सबसे अलग-थलग देश में ज्यादा से ज्यादा कागज कारखाने स्थापित करने का आदेश जारी किया है. तानाशाह ने एक बयान में कहा कि उन्हें विशेष रूप से खुशी है कि देश का पेपर इंजीनियरिंग संस्थान अपनी कागज़ बनाने की विधि और तकनीक विकसित करने की योजना बना रहा है. क्योंकि देश में कागज खत्म होने के कागार पर पहुंच गए हैं और अखबार व बैंकनोट कम छप रहे हैं. क्षेत्रीय कागज की मांग को पूरा करने के लिए एक पायलट परियोजना के दौरे के दौरान किम ने कहा कि यह कोरियाई शैली के कागज बनाने वाले उद्योग को विकसित करने और देश भर की दीर्घकालिक जरूरतों को पूरा करने में बहुत महत्वपूर्ण है.
उन्हें उनसन पेपर मिल दिखाया गया, जिसका निर्माण उनके शासन ने कागज की कमी का सामना कर रहे सभी प्रांतों में उत्पादन कारखाने बनाने के आदेश के बाद किया गया था . इसमें मल्टीपरपस पेपर मशीन, टॉयलेट-पेपर मशीन और पेपर कंटेनर मोल्डिंग मशीन का निरीक्षण करने के बाद, उन्होंने इसकी प्रशंसा की.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण नॉर्थ कोरिया लंबे समय से कागज़ की कमी से जूझ रहा है. इस वजह से वहां पर्याप्त बैंक नोट और अखबार नहीं छाप पा रहे हैं. दूसरे देशों के साथ व्यापार नहीं होने की वजह से वहां उद्योग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अच्छे निवेशक नहीं है. इस वजह से वहां के उद्योग धंधे पिछड़े हुए हैं.
बाकी दुनिया से कटे होने की वजह से जरूरी तकनीक की कमी की वजह से नॉर्थ कोरिया में उद्योग धंधे नहीं पनप पा रहे हैं. इसके साथ ही कागज बनाने के लिए कच्चे माल की भी आपूर्ति नहीं हो पा रही है. देश के अंदर अगर कच्चे माल की आपूर्ति हो भी जाती है तो ज्यादा से ज्यादा कागज बनाने के लिए जल्दी-जल्दी उन्हें प्रोसेस करने वाली इंजीनियरिंग और तकनीक की कमी है. 2018 में भी कागज की कमी से जूझ रहे उत्तर कोरिया ने पार्टी के आधिकारिक समाचार पत्र रोडोंग सिनमुन की छपाई प्रतिदिन 600,000 प्रतियों से घटकर केवल 200,000 कर दी. कागज की कमी के कारण घरों तक डिलीवरी रद्द कर दी गई.2021 में कागज और स्याही की कमी के कारण सरकार को शहरों में अस्थायी मुद्रा कूपन जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा. क्योंकि वे पर्याप्त बैंक नोट नहीं छाप सके.
किम ने अपने अधिकारियों को चेतावनी दी कि उन्हें अगली पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान सभी प्रांतों में आधुनिक कागज कारखानों के निर्माण के लिए स्पेशल प्लानिंग करे. उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सांस्कृतिक जीवन सहित सभी क्षेत्रों के लिए आवश्यक कागज की मांग को पूरा करने के लिए, देश में उपलब्ध कच्चे माल पर आधारित खुद की कागज निर्माण पद्धति और प्रौद्योगिकी को विकसित करना जरूरी है.
