बांग्लादेश में टैगोर के पैतृक आवास पर कट्टरपंथियों का हमला, उपद्रवियों ने तोड़-फोड़ की

बांग्लादेश के सिराजगंज में कल मंगलवार को कट्टरपंथियों की भीड़ ने गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर के पैतृक आवास पर हमला कर दिया। कचहरी घर के नाम से मशहूर टैगोर के पैतृक आवास में जमकर तोड़फोड़ की। जमात-ए-इस्लामी और हिफाजत-ए-इस्लाम के कट्टरपंथियों की भीड़ ने टैगोर के विरोध में नारे भी लगाए। सूचना मिलने के बाद शहजादपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। थाना प्रभारी का कहना है कि फिलहाल मामले की पड़ताल की जा रही। अभी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। काफी देर तक चले हंगामे के बाद पुलिस लौट गई, लेकिन शाम तक कट्टरपंथी मौके पर जमा रहे। राजधानी ढाका से लगभग 125 किमी की दूरी पर स्थित गुरुदेव टैगोर के इस दो मंजिला पैतृक आवास को म्यूजियम का दर्जा दिया गया है। गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर के दादा द्वारकानाथ टैगोर ने इस कचहरी घर का निर्माण 1840 में कराया था।
कट्टरपंथियों ने आरोप लगाया कि मंगलवार को म्यूजियम के निदेशक सिराजुल इस्लाम ने एक व्यक्ति को बंधक बनाकर मारपीट की। जबकि इस्लाम ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है। पुलिस जांच में भी किसी को भी म्यूजियम में बंधक बनाए जाने की बात सामने नहीं आई। लेकिन देखते ही देखते कट्टरपंथियों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। बताया जाता है कि कट्टरपंथियों ने कचहरी घर में तोड़फोड़ करने की साजिश दो-तीन दिन से रची हुई थी। इसलिए भीड़ मौके पर जमा हो गई। म्यूजियम के पास ही दुकान चलाने वाले एक दुकानदार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कट्टरपंथियों ने हमले की साजिश पहले से रची हुई थी। हमलावरों में स्थानीय लोग शामिल नहीं थे। टैगोर का म्यूजियम होने के कारण यहां काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। इससे हम दुकानदारों की रोजी-रोटी चलती है। कट्टरपंथियों ने हमले से पहले यहां रैली भी निकाली गई थी। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। विपक्षी दलों, सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों और सेना के बीच भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस बीच ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने राजधानी के केंद्र में सभी रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और जनसभाओं पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया है।